WHO का बड़ा बयान सामने आया है – कोई भी वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 50 फीसदी भी असरदार नहीं, अभी करना होगा इंतेजार

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) का भय अब भी देश दुनिया पर छाया हुआ है. इसके खात्‍मे के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक प्रभावी वैक्सीन (Vaccine) तैयार करने में जुटे हुए हैं. मगर अब भी यह तय नहीं है कि आखिर यह वैक्‍सीन आएगी कब तक और लोगों को कोरोना के संक्रमण से मुक्ति मिल सकेगी. रूस और चीन जैसे देशों में यह वैक्सीन तीसरे चरण का ट्रायल हुए बिना ही दी जा रही है. वहीं दुनिया भर में फैले इस संक्रमण को लेकर डब्‍ल्‍यू एच ओ (WHO) भी कई बार अपनी चिंता जता चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने वैक्सीन को लेकर दिए बयान से लोगों की चिंता और बढ़ा दी है. दरअसल, उन्‍होंने कहा है कि 2022 से पहले पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन का मिल पाना मुश्किल है. ऐसे में लोगों के माथे पर एक बार फिर चिंता की लकीरें नजर आने लगी हैं और सवाल उठ रहे हैं कि आखिर लोग कब तक इस महामारी के डर के साए में जीने को मजबूर रहेंगे.

2021 तक दो अरब खुराक का लक्ष्य

वैज्ञानिक ने कहा कि अगले साल की शुरुआत में दुनिया को वैक्सीन नहीं मिल पाएगी. इसकी वजह यह है कि 2021 की शुरुआत में वैक्सीन के प्रभावी नतीजों को देखने की शुरुआत होगी और इसके बाद ही इसके वितरण के बारे में कोई निर्णय लिया जा सकेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने यह उम्‍मीद जरूर जताई कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोवाक्स प्लान के अंतर्गत अलग-अलग देशों में लोगों तक समान रूप से वैक्सीन पहुंचाने का काम किया जाएगा. हालांकि इसके लिए अगले साल के मध्य तक वैक्सीन बड़ी मात्रा में तैयार करनी होगी, ताकि करोड़ों लोगों तक यह खुराक पहुंचाई जा सके. इसके तहत 2021 के अंत तक वैक्सीन की दो अरब खुराक प्राप्‍त करने का लक्ष्य रखा जाएगा.

वैक्सीन 50 फीसदी भी असरदार नहीं

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही यह साफ कर चुका है कि उसके मानदंडों के मुताबिक क्लिनिकल परीक्षण के एडवांस स्टेज पर पहुंची कोई भी वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ 50 फीसदी भी असरदार नहीं है. वहीं संगठन के प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस के मुताबिक फिलहाल अभी तक एक भी वैक्सीन ऐसी नहीं है, जो प्रभावी हो.

गाइडलाइन जारी की जाएगी

उनका कहना है कि इन वैक्सीन के ट्रायल में कम से कम एक साल का समय लग जाएगा, क्‍योंकि इस दौरान वैक्सीन के लोगों पर प्रभाव और इसके दुष्प्रभावों को देखा जाएगा. ताकि लोगों तक सही वैक्‍सीन पहुंचे, जो उनका महामारी से बचाव कर सके. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जल्द ही वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी.

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