राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो द्वारा धार्मिक मदरसों और जमीयत ओपन स्कूल के खिलाफ बयानबाजी करने पर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने विरोध जताया नोटिस जारी

Raipur chhattisgarh VISHESH

Report manpreet singh : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो द्वारा धार्मिक मदरसों और जमीयत ओपन स्कूल के खिलाफ बयानबाजी करने पर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने विरोध जताया है. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद ने वकील वृंदा ग्रोवर के माध्यम से उक्त चेयरमैन को पत्र भेजकर सात दिन के अंदर लिखित रूप से अपना बयान वापस लेने की सलाह दी है. अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

नोटिस में कहा गया है कि जमीयत उलमा-ए-हिंद जैसे ऐतिहासिक और देशभक्त संगठन को बदनाम करने और उस पर झूठे आरोप लगाना स्वीकार्य नहीं है. इतने ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता. जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने इस नोटिस द्वारा लगाए गए आरोपों की निंदा की है और कहा है कि विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से फैलाए गए इन आरोपों ने जमीयत ओपन स्कूल की प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है. जबकि, यह संस्था पिछड़े समुदायों, विशेषकर मुस्लिम अल्पसंख्यकों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समर्पित है.

आरोप है कि बीते 13 मार्च को प्रियांक कानूनगो ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल्स (एनआईओएस) को पत्र लिखकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के शिक्षण संस्थान “जमीयत ओपन स्कूल अभियान” को ‘संगठित अपराध’ की संज्ञा दी थी. इसके अलावा पाकिस्तान समेत अन्य देशों से फंडिंग के आरोप के साथ मदरसों को बदनाम करने के कई आरोप भी लगाए थे.

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