न्यायपालिका की उन्नति के लिए एक दूसरे के अनुभव को न्यायाधीशगण करे सांझा : मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा

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Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के द्वारा बांग्लादेश के 50 न्यायिक अधिकारियों के लिए 27 जनवरी से 02 फरवरी तक 05 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यकम आयोजित किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के लिए यह ऐतिहासिक पल है क्योंकि न्यायिक अकादमी के बनने के बाद से अब तक यह प्रथम अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यकम है जो अकादमी के द्वारा आयोजित किया जा रहा है l

माननीय मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा एवं माननीय न्यायाधिपति श्री संजय के अग्रवाल के मार्गदर्शन में यह अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा सका है। तथा उनके मार्गदर्शन में ही दिनांक 28.01.2024 को इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यकम का शुभारंभ किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के प्रशिक्षण कार्यकम का हिस्सा है तथा न्यायपालिका की क्षमता एवं निपुणता को बढ़ाने के राज्य न्यायिक अकादमी के उद्देश्य के एक मील का पत्थर है।

माननीय मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा के द्वारा इस कार्यक्रम का शुभारंभ वर्चुअल मोड से किया गया क्योंकि वे अपने अधिकारिक कार्यक्रम में दिल्ली प्रवास पर थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में बांग्लादेश से आये न्यायिक अधिकारियों का स्वागत करते हुए व्यक्त किया कि वर्तमान समय में न्यायपालिका के लिए यह आज्ञापक है कि वे एक दूसरे के अनुभवों को आत्मसात करें एवं उससे ज्ञान प्राप्त करें।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर माननीय न्यायाधिपति श्री संजय के. अग्रवाल, श्री संजय अग्रवाल, श्री दीपक तिवारी, श्री सचिन सिंह राजपूत, श्री राकेश मोहन पाण्डेय एवं श्री रविन्द्र अग्रवाल उपस्थित थे इस कार्यकम में बिलासपुर के निकटवर्ती जिलों से लगभग 300 न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की रजिस्टी से अधिकारीगण शामिल हुए थे।

शुभारंभ कार्यक्रम में माननीय व्यायाधिपति श्री संजय के अग्रवाल ने अपने उद्‌बोधन में यह बातया कि यह अंतर्राष्टीय प्रशिक्षण कार्यकम राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी भोपाल एवं बाग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के मध्य हुए समझौता ज्ञापन के तहत आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के एका में विस्तार से बताते हुए उन्होंने बयक्त किया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधि एवं न्यायशास्त्र के महत्वपूर्ण क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए सिविल एवं आपराधिक विधि के हुए नवीन विकास, महिलाओं से संबंधित कानून, बाल अधिकारों के संरक्षण से संबंधित कानूनों के संबंध में विस्तार से सत्र आयोजित किये जायेंगे। जिसमें विधि महाविद्यालयी के व्याख्याताः वरिष्ठ अधिवक्तागण तथा छत्तीसगढ़ के अनुभवी न्यायिक अधिकारीगण के द्वारा व्याख्यान दिये जायेंगे।

इस शुभारंभ कार्यक्रम में बांग्लादेश से आये हुए न्यायिक अधिकारियों का स्वागत करते हुए अपने स्वागत उद्‌बोधन में माननीय न्यायाधिपति श्री राकेश मोहन पाण्डेय के द्वारा यह बताया गया कि भारत एवं बांग्लादेश को जोड़ने के लिए अनेक क्षेत्र हैं कई क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए इस बिंदु को भी बताया कि दोनों देशों के राष्ट्रगान को श्री रविन्द्रनाथ टैगोर के द्वारा ही लिखा गया है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी की निर्देशिका श्रीमति सुषमा सावंत के द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन अकादमी की अतिरिक्त निर्देशिका श्रीमति गरिमा शर्मा द्वारा किया गया।

जैसे-जैसे प्रशिक्षण कार्यकम आने वाले 05 दिनों में पूर्णता की ओर बढ़ेगा, राज्य न्यायिक अकादमी, न्यायिक समुदाय पर इसको परिवर्तनकारी प्रभाव एवं न्याय व्यवस्था की उन्नति में इसके योगदान को देखने के लिए उत्सुक है।

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