विगत 06 महीने में करीब 800 लोगों को शिकार बना उनसे 05 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले पांच लोगों का गिरोह,जो कॉल गर्ल का लालच देकर लोगों को हनी ट्रैफ में फंसाता : गैंग का भंडाफोड़ मास्टरमाइंड गिरफ्तार
राजस्थान के शहरी इलाके में ठगी और लूट का ऐसा मामला सामने आया है जो आपको हैरान कर देगा. पांच लोगों का एक गिरोह कॉल गर्ल का लालच देकर लोगों को हनी ट्रैफ में फंसाता था और फिर लड़की से मिलने बुलाने के बहाने उन्हें बंदूक की बल पर लूट लेता था. उदयपुर में कई ऐसे मामले पुलिस के सामने आ चुके हैं. पुलिस ने इस गैंग का भंडाफोड़ करते हुए उसके मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरोह ने लोगों को कॉल गर्ल से मिलवाने का लालच देकर 6 महीने में करीब 800 लोगों को शिकार बनाया और उनसे 5 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. दरअसल गिरोह के सरगना ने एक ऐप बनाया था और उस पर खूबसूरत लड़कियों की प्रोफाइल डालकर लोगों को ऑनलाइन कॉल गर्ल बुक करने का झांसा देता था. जैसे ही कोई उनसे संपर्क करता था तो वे उसे लड़की पहुंचाने के बहाने सुनसान इलाके में बुला लेते थे और वहां बंदूक के बल पर उसके साथ लूटपाट करते थे.
उदयपुर पुलिस के मुताबिक, सूचना मिली थी कि शहर में एक गिरोह सक्रिय है जो व्हाट्सएप पर लोगों को खूबसूरत लड़कियों की तस्वीरें भेजता है. इसके अलावा, लड़कियां लोगों को बुकिंग के बहाने सुनसान जगहों पर बुलाती थीं और उन्हें लूट लेती थीं. पुलिस ने सूचना मिलने के बाद इस गिरोह के कई लोगों को बीते अगस्त महीने में पकड़ा भी था लेकिन फिर भी इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा था. इसी क्रम में जांच के दौरान मास्टरमाइंड राकेश मीना ने पकड़े जाने के बाद बताया कि वह अपने दोस्त अंकित के साथ मिलकर कॉल गर्ल सप्लाई के लिए बनाई गई वेबसाइट TOTTAXX के जरिए पूरी धोखाधड़ी को अंजाम देता था.
आरोपी ने बताया कि दोनों इस वेबसाइट का एक पेज बनाते थे. जिस शहर में उन्हें धोखाधड़ी करनी थी, उसमें राजस्थान के किसी भी जिले में कॉल गर्ल उपलब्ध कराने की जानकारी दे दी जाती थी. अगर राजस्थान में बैठा कोई भी व्यक्ति इस वेबसाइट को खोलता था, तो उस पर कॉल गर्ल इन उदयपुर, कॉल गर्ल इन जयपुर लिखा होता था.
आरोपी इन पेजों पर लड़कियों के इंस्टाग्राम प्रोफाइल से एक्सेस की गई तस्वीरें पोस्ट करते थे और उनके झूठे नाम बताए जाते थे. उनके जाल में फंसने वाले ग्राहकों का भरोसा हासिल करने के लिए वे ऑनलाइन पेमेंट की जगह कैश पेमेंट का विकल्प देते थे. लोग जब आरोपियों के दिए लिंक पर क्लिक करते थे तो लड़कियों की फर्जी प्रोफाइल खुल जाती थी जिसमें लड़की से सीधे व्हाट्सएप पर चैट करने या कॉल करने का विकल्प मौजूद होता था. जैसे ही ग्राहक इस पर क्लिक करता था, व्हाट्सएप चैट खुल जाती थी.
अधिकारी ने बताया कि चैट में ग्राहकों को सिर्फ Hi ही लिखना होता था. मैसेज मिलते ही जयपुर स्थित राकेश के गिरोह से जुड़े लोग मॉडलों की 10 से 15 इंस्टाग्राम से चोरी की गई तस्वीरें ग्राहक को व्हाट्सएप पर भेजते थे. जब ग्राहक भेजी गई तस्वीरों में से किसी लड़की को चुन लेता था तो आरोपी उसका रेट शेयर करते थे. इसके बाद ग्राहक से लड़की को छोड़ने की जगह पूछी जाती थी. फिर 3 से 4 बदमाश कार में लड़की को लेकर उसी लोकेशन पर पहुंचते थे.
जब ग्राहक बताई गई जगह पर पहुंच जाता था तो वे उसे दूर से कार में लड़की दिखाते थे और ग्राहक से तय रकम नकद ले लेते थे. फिर जब ग्राहक लड़की को साथ भेजने के लिए कहता तो वे उसे हथियार दिखाकर धमकाते थे. इसके अलावा, वे उसे वहां से भाग जाने के लिए कहते थे. ऐसे में ग्राहक बदनामी के डर से वहां से चला जाता था.