मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पाटन विधानसभा क्षेत्रवासियों को दी बड़ी सौगात
रायपुर : नवनिर्मित ऑडिटोरियम सहित 87 करोड़ 40 लाख रूपए की लागत से 768 विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन
चिटफंड कंपनी के 3790 निवेशकों को राशि वापसी प्रक्रिया प्रारंभ
रायपुर, 06 अक्टूबर 2023
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पाटन विधानसभा क्षेत्रविासियों को बड़ी सौगातें दी है। उन्होंने आज विधानसभा मुख्यालय पाटन में आयोजित कार्यक्रम में 768 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। जिसमें 55 करोड़ 40 लाख 51 हजार रूपए के 137 कार्यों का लोकार्पण तथा 32 करोड़ 23 हजार रूपए लागत के 631 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। कार्यक्रम में शामिल होने के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पाटन के आत्मानंद चौक पर ब्रम्हलीन स्वामी आत्मानंद जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर नगर पंचायत पाटन के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सत्या, उपाध्यक्ष श्री बलदाऊ भाले, छत्तीसगढ़ कर्मकार शिल्प बोर्ड के अध्यक्ष श्री तरूण बिजौरा, छत्तीसगढ़ खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सदस्य श्री हेमंत देवांगन विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज स्वामी आत्मानन्द जी की जयंती के अवसर पर विकास कार्यों का भूमिपूजन लोकार्पण किया गया । विगत 5 वर्षों में हमारे कार्यकाल में जो बदलाव हुए हैं, आज दिखाई दे रहा है। पानी, बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की गई। आज केवल भौतिक विकास ही नही आर्थिक, सामाजिक शैक्षणिक, सांस्कृतिक सभी क्षेत्रों में विकास हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ब्रम्हलीन स्वामी आत्मानंद जी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि स्वामी आत्मानंद ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस की विचार-धारा को छत्तीसगढ़ की जमीन पर साकार किया और मानव सेवा व शिक्षा संस्कार की अलख जगायी। स्वामी विवेकानंद के विचारों का आत्मानंद जी पर भी गहरा असर हुआ, जिससे उन्होंने अपना पूरा जीवन दिन-दुःखियों की सेवा में बिेेता दिया। मठ और आश्रम स्थापित करने के लिए एकत्र की गई राशि उन्होंने अकाल पीड़ितों की सेवा और राहत काम के लिए खर्च कर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद जी का समाज सुधारक और शिक्षाविद के रूप में छत्तीसगढ़ में बड़ा योगदान है। उनके मानव सेवा के क्षेत्र में किये गये कार्य अनुकरणीय और प्रेरणास्प्रद हैं। उन्होंने पीड़ित मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया। उनके आदर्शों और विचारों से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। स्वामी आत्मानंद जी ने वनवासियों के उत्थान के लिए नारायणपुर आश्रम में उच्च स्तरीय शिक्षा केन्द्र की स्थापना की। राज्य सरकार द्वारा इसी तर्ज पर जिला मुख्यालयों और विकासखण्डों में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश और हिन्दी मीडियम स्कूल शुरू किये जा रहे हैं। प्रदेश में ग्रामीण सहित दूरस्थ अंचलों में 753 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। इसी कड़ी में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम कालेज भी प्रारंभ किया जा रहा है। इस पहल को और आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग सेंटर योजना शुरू की है। इससे गरीब और दूरस्थ क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ आगे बढ़ने के सभी अवसर उपलब्ध हो सके। इस योजना के माध्यम से इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रदेश के 146 विकासखण्ड मुख्यालयों और 4 शहरों, रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर के माध्यम से शासकीय स्कूलों में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद जी ने आदिवासियों के सम्मान एवं उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए अबुझमाड़ प्रकल्प की स्थापना की। नारायणपुर में वनवासी सेवा केन्द्र प्रारंभ कर वनवासियों की दशा और दिशा सुधारने की प्रयास किये गये है। राज्य सरकार ने भी उनके पदचिन्हों पर चलते हुए वनवासियों से वाजिब दामों पर वनोपजों की खरीदी कर राष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने अकाल के समय गर्भवती माताओं के लिए पौष्टिक भोजन की शुरूआत की, जिससे कि बच्चे कुपोषित न हो। राज्य सरकार ने महिलाओं और बच्चों के लिए गर्म भोजन की व्यवस्था करते हुए कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ गढ़ने का संकल्प लेकर मुख्यमंत्री कुपोषण अभियान की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद के विचार, मूल्य और सेवा हमेशा जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
जिले में चिटफंड कंपनी से संबंधित 3790 निवेशकों की जमा राशि 6 करोड़ 2 लाख 80 हजार रूपए लौटाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रतीकात्मक रूप से आज 4 निवेशकों को राशि का चेक प्रदान किया। इस अवसर पर जिला व जनपद पंचायत के पदाधिकारी, नगर के गणमान्य नागरिक, अधिकारी-कर्मचारी व बड़ी संख्या लोग उपस्थित थे।