पुड्डुचेरी में संक्रमित मिले चमगादड़ , ICMR ने इन दो प्रजातियों में इसकी पुष्टि की
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : कोरोना से देश में मरने वालों की संख्या 400 के क़रीब पहुंच गई है, जबकि दुनिया में इस ख़तरनाक वायरस ने एक लाख 26 हज़ार लोगों को मौत की नींद सुला दिया है. अब तक इसका कोई टीका या उपचार ढूंढा नहीं जा सका है. वायरस पर क़ाबू पाने के लिए दुनिया के कई मुल्कों में रिसर्च जारी है, लेकिन माना जाता है कि यह वायरस चमगादड़ों से इंसानों में फैला. इस बीच भारतीय रिसर्चरों ने देश में पाए जाने वाले चमगादड़ों पर एक महत्वपूर्ण शोध किया है.
भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में चमगादड़ों की दो प्रजातियों में अलग तरह के कोरोना वायरस – ”बैट कोरोना वायरस (बैट कोव)” की मौजूदगी मिली है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का यह अध्ययन इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है. पुणे में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में वैज्ञानिक और इस अध्ययन की मुख्य लेखिका डॉ प्रज्ञा डी यादव ने कहा कि इस बात का कोई साक्ष्य या शोध नहीं है जो यह दावा करता हो कि यह बैट कोरोनावायरस मनुष्यों में बीमारी का कारण बन सकते हैं.
इस अध्ययन के मुताबिक़, माना जाता है कि चमगादड़ों में प्राकृतिक रूप से कई वायरस होते हैं जिनमें से कुछ में मनुष्यों को बीमार करने की आशंका होती है.भारत में टेरोपस प्रजाति के चमगादड़ों में पहले निपाह वायरस मिला था संदेह है कि हाल में सामने आया संक्रमण कोविड-19 का संबंध भी चमगादड़ों से है. इस अध्ययन का शीर्षक ‘भारत के विभिन्न हिस्सों के टेरोपस और रौजेत्तुस प्रजाति के चमगादड़ों में कोरोना वायरस का पता लगाना’ है.