नरवा के अंतर्गत अब तक 33 नालों में मृदा एवं जल को किया गया संरक्षित

नालों के नवीनीकरण के पश्चात क्षेत्र में पानी की समस्या में आई कमी

कोरिया 20 जुलाई 2023

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी परियोजना नरवा का क्रियान्वयन जिले के वनमण्डल में वर्ष 2019-20 में प्रारम्भ किया गया। जिले के वनमण्डल में पहाड़ियों के ढलान की दिशा अलग अलग है। क्योंकि अधिकांशतः नदियों, नालो बहाव की दिशा दक्षिण है जहां महानदी क्षेत्र का जलग्रहण बनाता है, जिसकी मुख्य सहायक नदी हसदो है। कोटाडोल जिले के उत्तरी सीमा में स्थित है, जो सोन नदी का जलग्रहण क्षेत्र है, जिसकी मुख्य सहायक नदी बनास, नेउर, गोपद, मोहन आदि है। इन नदियों के सहायक नदी/नालों में भूमि के संरक्षण, संवर्धन एवं जल संचय के कार्य किये जा रहें। इस प्रकार वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की अवधि में कुल 33 नाले दूरी 435.45 कि०मी०, क्षेत्रफल 81961 है क्षेत्र में स्थल अनुसार मृदा एवं जल को संरक्षित किया गया।
नरवा योजना वर्ष 2019-20 से प्रारम्भ किया गया, वर्ष 2019-20 में 03 नाले क्रमशः नकटी नाला, गुडघेला नाला एवं शक्तिहिया नाला दूरी 108.20 कि०मी० जलग्रहण क्षेत्र 17926 है. में स्टाप डेम तालाब, लूज बोल्डर चेक डेम परकुलेशन टैंक, गलीप्लग एवं स्ट्रगल कन्टूर ट्रेंच के 4363 संरचनाओं का निर्माण कार्य कराया गया है। वर्ष 2020-21 में 09 नाले क्रमशः तराईया, रहटाडबरा, सुडुमुडु फुलवारी, धनुहर, सुखाड़ लोझरी, तकिया नाला (भाग -2) एवं ढोंडीबहरा नाला (भाग-2) दूरी 165.50 कि०मी० जलग्रहण क्षेत्र 17119 है जिसमें ब्रशवूड चेक डेम, गैबियन स्ट्रक्चर, गलीप्लग, लूज बोल्डर चेक डेम परकुलेशन टैंक, एनीकट, अर्दन डेम एवं स्टैगर्ड कन्दूर ट्रेंच के 363993 संरचनाओं का निर्माण कार्य किया गया है। वर्ष 2021-22 में 11 नाले क्रमशः गोबरी नाला, शक्तिडोंगरी नाला, सीतामढी नाला, नेवरी नाला, लोहंदिया नाला, खिरकी-झोरकी नाला, सनबोरा नाला एवं शक्तिहिया नाला (भाग-2) दूरी 90.26 कि०मी० जलग्रहण क्षेत्र 32716 है. में ब्रशवूड चेक डेम, गैबियन स्ट्रक्चर, गलीप्लग, लूज बोल्डर चेक डेम, परकुलेशन टैंक, एनीकट, अर्दन डेम वाटर हारवेस्टिंग, डाईक एवं स्टैगर्ड कन्टूर ट्रेच के 230007 संरचनाओं का निर्माण कार्य कराया गया है। वर्ष 2022-23 में 10 नाले क्रमशः बरवाखाड़ नाला, बोरलहिया नाला, गेज नाला (भाग-2), तराईयागढ़ नाला, नागडबरा नाला, जोगन नाला, हरदौना नाला, बसनारा नाला, अंजन नाला (भाग-1) एवं अंजन नाला (भाग-2) दूरी 80.52 कि०मी० जलग्रहण क्षेत्र 14200 है में ब्रशवूड चेक डेम्, गवियन स्ट्रक्चर गलीप्लग, लूज बोल्डर चेक डेम, परकुलेशन टैंक, एनीकट अर्दन डेम, एवं स्टैगर्ड कन्टूर ट्रेंच के 197961 संरचनाओं का निर्माण कार्य कराया गया है।
 
नरवा क्रियान्वयन से लाभ –
नरवा के कियान्वयन से भूमि के कटाव में कमी हुई है। वनों के आवरण में वृद्धि, जल संचय से ग्रामीणों को सिंचाई हेतु पानी की सुविधा उपलब्ध हो जाने के कारण ग्रामीणों के आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, साथ ही उपचारित क्षेत्र के आस-पास के ग्रामों में जल स्तर में वृद्धि हुई है। ग्रीष्मकाल में कटगोड़ी के आस-पास के क्षेत्रों में हैण्ड पम्प, कुओं आदि सूख जाने के कारण ग्रामीणों को पानी की जटिल समस्या उत्पन्न हो जाती थी. किन्तु नरवा के क्रियान्वयन से पानी की समस्या पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *