
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
यह गिद्ध विलुप्त प्राय पक्षी है। देखने से ऐसा लगता है कि जैसे यह किसी शोध संस्था का है..इसलिए इसके पंखों पर अपना कोडिंग और लोकेशन ट्रेस करने के लिए चिप लगाया है। उन्होंने बताया कि विलुप्त हो रहे पशु पक्षियों के अस्तित्व को जानने के लिए टैगिंग किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस गिद्ध की सारी जानकारी जल्दी मिल जाएगी।
वन विभाग के मुताबिक गिद्धों की कौन सी प्रजाति खतरे में है, इसका लेकर एक सर्वे किया जा रहा है। इसके लिए मैपिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि इनकी संख्या और दिनचर्या का पता लगाया जा सके। इसके लिए राज्य में एक व्यापक अभियान चल रहा है।
अधिकारियों का यह भी कहना है कि हो सकता है कि ये गिद्ध महराजगंज का हो। महराजगंज के फरेंदा में राज्य का पहला जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है।