राज्य उद्यमिता नीति से उद्योग स्थापना के लिए महिलाओं को मिलेगा लोन


महिलाओं को उद्यमी बनाने पहल कर रही भूपेश सरकार-संसदीय सचिव

महासमुंद। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि महिलाओं की कार्यकुशलता को एक नई पहचान देने और उन्हें उद्यम से जोड़ने के लिए राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28 लागू की है। इस नीति के तहत महिलाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता (ऋण) देने का प्रावधान किया गया है। इससे महिला कार्यबल में वृद्धि होने के साथ ही उद्योग एवं व्यापार में उनकी सहभागिता बढ़ेगी।
संसदीय सचिव व विधायक श्री चंद्राकर ने कहा कि भूपेश सरकार द्वारा राज्य की महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए पहल की जा रही है। राज्य सरकार की सोच है कि महिलाएं जितनी सशक्त होंगी, विकास उतनी ही तेजी से होगा। छत्तीसगढ़ सरकार हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाओं के निर्माण के साथ ही उन्हें प्रोत्साहन दे रही है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लघु और कुटीर उद्योग में बड़ी संख्या में महिलाएं काम कर रही है। इसके साथ ही स्व-सहायता समूह के माध्यम से गौठानों, वनोपज संग्रहण सहित अन्य क्षेत्रों में कार्यरत महिलाएं राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने महिलाओं की कार्यकुशलता को एक नई पहचान देने और उन्हें उद्यम से जोड़ने के लिए राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28 लागू की है। इस नीति के तहत महिलाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता (ऋण) देने का प्रावधान किया गया है। इससे महिला कार्यबल में वृद्धि होने के साथ ही उद्योग एवं व्यापार में उनकी सहभागिता बढ़ेगी। संसदीय सचिव व विधायक श्री चंद्राकर ने कहा कि राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28 के तहत राज्य की महिला उद्यमी को विनिर्माण उद्यम परियोजना के लिए अधिकतम 50 लाख रूपए, सेवा उद्यम परियोजना के लिए अधिकतम 25 लाख रूपए और व्यवसाय उद्यम परियोजना के लिए अधिकतम 10 लाख रूपए तक ऋण देने का प्रावधान रखा गया है। इस नीति के तहत महिला उद्यमियों द्वारा प्रदेश में स्थापित नवीन, विस्तारीकरण, शवलीकृत पात्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्य विनिर्माण व सेवा उद्यमों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

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