निजी स्कूलों की फीस विनियमन प्रारूप पर 15 मई तक मांगे गए सुझाव, मंत्रिपरिषद उप समिति की हुई बैठक
रायपुर छत्तीसगढ विशेष : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अशासकीय शालाओं के लिए छत्तीसगढ़ फीस विनियमन अधिनियम 2020 बनाने का निर्णय लिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से फीस विनियमन के प्रारूप की विभिन्न धाराओं पर बिन्दुवार सुझाव सर्वसाधारण से विभाग के ई-मेल पर आमंत्रित किए गए हैं। इस संबंध में कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव स्कूल शिक्षा विभाग के ई-मेल पर 15 मई को अपरान्ह 3 बजे तक भेज सकता हैं। संचालक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आज इस संबंध में सर्वसाधारण के लिए सूचना जारी कर दी गई है।समिति ने निर्देश दिए कि विभाग से तैयार किया गया अधिनियम प्रारूप, विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए और जनसामान्य से इस प्रारूप पर 10 दिन के भीतर ई-मेल से सुझाव आमंत्रित किए जाए। प्राप्त सुझावों को परीक्षण करके विभाग से प्रस्तावित अधिनियम के प्रारूप में आवश्यक संशोधन किया जाए। परीक्षण के उपरान्त तैयार किए गए विधेयक के प्रारूप को मंत्री मंडलीय उप-समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। यह कार्य यथा संभव तीन सप्ताह में पूर्ण किया जाए।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य शासन ने राज्य में संचालित अशासकीय/निजी शालाओं की फीस विनियमन के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार कर अपनी अनुसंशा देने के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिपरिषद उप समिति का गठन किया है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद उप समिति की बैठक में सोमवार को यह निर्णय लिया गया। बैठक में समिति के सदस्य गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे सहित स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, संचालक लोक शिक्षण जितेन्द्र शुक्ला, उपस्थित थे। बैठक में समिति के निर्णय लिया गया कि सर्वसाधारण से सुझाव के लिए संचालक लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक एके बंजारा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।