बिना बैंड-बाजा, बाराती दो सगी बहनें बंधी विवाह बंधन में – लॉकडाउन में हुई बालोद जिले में अनोखी शादी

रिपोर्ट मनप्रीत सिंग

रायपुर  छत्तीसगढ विषेश : जिले के ग्राम मटिया (पी) में देवांगन परिवार ने सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए सादे तरीके से अनोखी शादी रचाकर मिसाल पेश की है। लॉकडाउन के कारण जहां लोगों ने अपने कार्यक्रम और शादी समारोह तक स्थगित कर दिए हैं। वहीं जिले के ग्राम मटिया (पी) में देवांगन परिवार ने सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए सादे तरीके से अनोखी शादी रचाकर मिसाल पेश की है। शादी में न तो बैंड-बाजा का इस्तेमाल हुआ और न ही बाराती आए। इस्तेमाल हुआ तो सिर्फ कोरोना के खिलाफ सहायक उन नियमों का, जिनसे कोरोना को मात दी जा सकती है। यह विवाह लॉकडाउन के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

सिर्फ 15 लोग हुए शादी में शामिल

बड़ी बहन उर्वशी की शादी गुरुर विकासखंड के ग्राम कन्हारपुरी के लड़के के साथ हुई। छोटी बहन दुर्गेश्वरी की शादी धमतरी जिले के कुरूद के युवक से हुई। दूल्हा-दुल्हन ने एसडीएम से शादी की अनुमति ली। सोमवार को हिन्दू रीति-रिवाज से वैदिक मंत्रों के साथ शादी हुई। इस शादी में मात्र 15 लोग ही शामिल हुए। सभी ने मास्क पहने व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ एक-दूसरे के गले में वर माला डालकर सात फेरे लिए। यही नहीं यहां अपनी मां व उपस्थित लोगों से आशीर्वाद भी दूर से लिया।

ज्यादा जरूरी हो, तभी घर से बाहर निकले

मुंह पर मास्क लगाकर और सामाजिक दूरी बनाकर कराए गए इस विवाह की चर्चा पूरे क्षेत्र में है। सात फेरों के बाद नवविवाहित जोड़े ने लोगों से अपील भी की है कि कोरोना वायरस से चल रही इस लड़ाई में सभी को योगदान देना है। सामाजिक दूरी, मुंह पर मास्क और हाथ धोने की इस परंपरा को आगे भी बनाए रखना है। दूल्हा-दुल्हन ने कहा कि इस तरह की शादी समाज को नई दिशा देगी। लॉकडाउन में इस तरह की शादी यादगार रहेगी। विपरीत परिस्थिति में मामूली खर्च पर कैसे शादी की जाती है।

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