सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए राज्य सरकारें शराब की होम डिलीवरी पर विचार करें…छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही कर चुकी है होम डिलीवरी का फैसला.
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ विशेष : शराब विक्री के कारण सोशल डिस्टेंस बनाये रखने में देश कि लगभग सभी सरकारें फेल रही हैँ. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया- दुकानें कम हैं और शराब खरीदार ज्यादा हैं, इससे कई लोगों को संक्रमण का खतरा है । कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शराब की बिक्री को लेकर स्पष्ट कोई आदेश देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकारों से कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए बनाए रखने के लिए वे शराब की अप्रत्यक्ष बिक्री या होम डिलीवरी पर विचार करें।
“We will not pass any order. States should consider indirect sale or Home Delivery of liquor to maintain social distancing”, said the bench.
एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि शराब की दुकानों में सामाजिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। दुकानें कम हैं और शराब खरीदार ज्यादा हैं। इनकी वजह से आम आदमी की जिंदगी को खतरे में नहीं डाला जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शराब की बिक्री को लेकर स्पष्ट कोई आदेश देने से इनकार कर दिया।
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस बीआर गवई ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की। जस्टिस कौल ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अल्कोहल की होम डिलीवरी पर चर्चा चल रही है। आप हमसे क्या चाहते हैं?
याचिकाकर्ता के वकील जे. सांई दीपक ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री से कोई भी आम आदमी का जीवन खतरे में न पड़े। गृह मंत्रालय को शराब की बिक्री पर राज्यों को स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए।’
छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही होम डिलीवरी का ले चुकी है फैसला
बता दें की छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने पहले ही सोशल डिस्टेंस बनाये रखने के लिये शराब की होम डिलेवरी के आदेश दे चुकी है. अब इस रास्ते पर चलने के लिये देश भर की प्रदेश सरकारों को चलने का सुझाव दिया है. एक तरह से छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर है.