बंदरों में काम कर गई कोरोना की वैक्सीन, अब इंसानों पर ट्रायल शुरू
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने परीक्षण के नतीजे प्रकाशित किए । ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के और करीब पहुंच गए हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के जानवरों पर किए गए परीक्षण के नतीजे प्रकाशित किए हैं जो बेहद उत्साहवर्धक हैं.नतीजों में बताया गया है कि चैडॉक्स-1 वैक्सीन फेफड़ों को नुकसान पहुंचने से रोकने में असरदार साबित हुई है. इसके अलावा, इम्यून सिस्टम से संबंधित किसी बीमारी के पनपने का संकेत भी नहीं मिला है. कोरोना वायरस की हाई डोज से 6 बंदरों को संक्रमित किया गया था.13 मई को चैडॉक्स वैक्सीन का इंसानों पर भी क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है. इस ट्रायल में 1000 वॉलंटियर्स ने हिस्सा लिया है. तमाम विश्लेषकों ने वैक्सीन पर आए नतीजों को लेकर खुशी जताई है और कहा है कि इंसानों पर भी ट्रायल तेज गति से आगे बढ़ रहा है.लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन ऐंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में फार्मा को-एपिडेमोलॉजी के प्रोफेसर स्टीफेन इवान्स ने बताया, इस स्टडी के नतीजों ने खुशखबरी दी है. इस स्टडी की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वायरल लोड और न्यूमोनिया के खिलाफ वैक्सीन के असरदार होने के साथ-साथ इम्यूनजनित किसी बीमारी का संकेत नहीं मिला है, जबकि अधिकतर वैक्सीन के साथ ये चिंता जुड़ी रहती है.किंग्स कॉलेज लंदन के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. पेनी वार्ड ने बताया, ये देखना अच्छा है कि बंदरों पर कोरोना की वैक्सीन के परीक्षण के दौरान फेफड़ों में किसी अन्य बीमारी का सबूत नहीं मिला है. सार्स की वैक्सीन के दौरान अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में संक्रमण के कुछ सबूत मिले थे लेकिन बंदरों को दी गई वैक्सीन के बाद न्यूमोनिया का कोई संकेत नहीं मिला है.