बिजली विभाग को झटका, समय पर सुधार नहीं हुआ तो देने पड़ेंगे क्षतिपूर्ति
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH :छत्तीसगढ़ पहला राज्य होगा जहां बिजली विभाग के लिए ऐसा नियम बना दिया गया है कि बिजली बंद होने की शिकायत दर्ज कराये जाने के बाद यदि चार घंटे में नहीं सुधर पायी तो बिजली वितरण कंपनी को उपभोक्ताओं को प्रति घंटे 5 रुपए के हिसाब से क्षतिपूर्ति देनी पेडग़ी। बिजली लाइन में सामान्य खराबी या ट्रांसफॉर्मर में खराबी के लिए भी क्षतिपूर्ति देनी होगी। छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग के अध्यक्ष डीएस मिश्रा ने कहा कि ऐसा नियम लागू करने से उपभोक्ताओं के प्रति विभाग की सजगता और बढ़ेगी।
बिजली कटौती या खराबी होने पर लोग घंटों कॉल सेंटर में फोन कर परेशान होते थे, लेकिन इसके बदले उन्हें क्षतिपूर्ति नहीं मिलती थी। हालांकि वितरण कंपनी ने कई ठोस कदम उठाए हैं, फिर भी उपभोक्ताओं की परेशानी खत्म नहीं हुई थी। अब क्षतिपूर्ति का प्रावधान होने पर कंपनी पर समय पर सुधार करने का दबाव रहेगा।
आयोग के सचिव एसपी शुक्ला के मुताबिक उपभोक्ताओं को जीरो पॉवर कट बिजली सप्लाई के लिए नियामक आयोग ने मई से नया नियम लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत अप्रैल से जून और जुलाई से मार्च के बीच बिजली कटौती की समय सीमा निर्धारित की गई है। दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए अप्रैल से जून के बीच यह सीमा दस घंटे होगी, जबकि छोटे शहर व गांवों के लिए 20 घंटे की सीमा निर्धारित की गई है। इसी तरह जुलाई से मार्च के बीच 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में 6 घंटे, छोटे शहरों में 15 और गांवों में 20 घंटे की समय सीमा तय की गई है। इससे ज्यादा देर कटौती होने पर बिजली वितरण कंपनी क्षतिपूर्ति देगी।
नए नियम के मुताबिक बिजली लाइन में सामान्य खराबी के लिए शहर में 6 घंटे और गांव में 12 घंटे, ट्रांसफॉर्मर में खराबी के लिए 24 घंटे और 5 दिन, मीटर जलने पर नया मीटर लगाने के लिए 8 घंटे व दो दिन का समय निर्धारित किया गया है। इसका पालन नहीं होने पर कंपनी 50 रुपए प्रति दिन के हिसाब से क्षतिपूर्ति देगी। नए बिजली कनेक्शन के लिए समय सीमा का पालन नहीं करने पर 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से क्षतिपूर्ति देनी होगी।