पूरे भारत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकप्रियता के मामले में राज्य के 81.6% लोगों के पसंद के साथ दूसरे स्थान पर राज्य के प्रत्येक नागरिकों के लिए गर्व की बात -जयसिंह अग्रवाल
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : सरकार गठन के 18 माह का कार्यकाल में हमारी सरकार ने सभी वर्गों के हित में लिए फैसले लिए। हमारी सरकार सर्वव्यापी कोरोना संकट के समय भी बुनियादी जरूरतों के आधार पर बेहतर सेवा और सुविधा पहुंचाने का कार्य कर रही है। यही कारण है कि सी व्होटर की तरफ से किया गया एक सर्वे में हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 81.06% लोकप्रियता के साथ दूसरे स्थान पर हैं। ज्ञात हो कि देश में 82.96%के साथ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक प्रथम स्थान पर है। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 12वे स्थान पर हैं।
मंत्री जयसिंह ने कहा कि किसान मुख्यमंत्री की छवि रखने वाले हमारे भूपेश बघेल ने हर पंक्ति के व्यक्तियों के लिए कार्य किया है। उनके फैसलों का असर व्यापक रूप से धरातल में भी देखने को मिल रही है, यही कारण है कि महज 18 माह के अल्प कार्यकाल में ही देश के अन्य मुख्यमंत्रियों को पीछे रखते हुए दूसरे स्थान पर जगह बनाई है, जो राज्य के प्रत्येक नागरिकों के लिए गर्व की बात है।
शपथ ग्रहण के तत्काल पश्चात अपने वादा अनुरूप किसान कर्ज माफी का आदेश के साथ समर्थन मूल्य को ₹2500 प्रति कुंटल करना यह शासन के सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक रहा है। रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के दौरान कृषि एवं उससे सम्बन्धित कार्यों में तेजी को सराहा। सरकार ने लाख की खेती को अब कृषि का दर्जा दिया। इंदिरावती नदी पर 22 हजार 653 करोड़ की बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना का काम आगे बढ़ा। जिसके सर्वे के लिए 41.54 करोड़ रुपए जारी। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में 3 लाख 66 हजार हेक्टेयर में निर्मित होगी नयी सिंचाई क्षमता। उत्पादन होगा 300 मेगावॉट की विद्युत। हिंदुस्तान के ऐसे प्रथम मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने विश्व आदिवासी दिवस , छठ पूजा,तीज और हरेली त्यौहारो पर अवकश घोषित किया।कोविड-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों से उबरने में उद्योगों की हर संभव मदद किया गया। उद्योगों एवं अस्पतालों को 5% बिजली दरों में छूट प्रदान किया, एवं घरेलू और कृषि बिजली दरों में इस वर्ष कोई वृद्धि नहीं किया गया। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई तुंहर दुआर वेबपोर्टल प्रारंभ किया गया। लॉक डाउन के समय विद्यालयों में फीस वसूली पर रोक लगाई गई।राजस्थान के कोटा में फंसे 2252 छात्र-छात्राओं को लॉक डाउन के दौरान सुरक्षित वापस लाने हेतु बसों की व्यवस्था किया गया। वनवासियों के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपज की संख्या 7 से बढ़ाकर 25 की गई। आदिवासी संग्राहकों को तेंदुपत्ता पर 4000 रुपए मानक प्रति बोरा किया गया। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत गर्म भोजन की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 3.62 लाख हितग्राहियों को लॉक डाउन की अवधि में सूखा राशन पहुचाने जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये गए।
मंत्री जयसिंह ने कहा कि सर्वव्यापी कोरोना संकट में भी छत्तीसगढ़ सरकार बेहतर प्रदर्शन कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्य क्षमता व लगन शीलता कोरोना वायरस संक्रमण को पटखनी दे रही है । कोरोना संकट काल में जहां देशभर में सारे काम धंधे ठप है ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने अन्य राज्यों की तुलना में जनता के हित में ज्यादा कार्य किया है। मुख्य बात यह है कि कोरोना से अन्य राज्यों में ज्यादा लोग ग्रस्त हुए। वहीं छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या भी बहुत कम है। पिछले कुछ दिनों में संक्रमितों की संख्या में वृद्धि जरूर हुई है लेकिन प्रदेश के चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के बेहतर इलाज से नियंत्रण पा लेंगे।
मंत्रीअग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार ने शुरू से जो बोला सो किया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यप्रणाली हमेशा जनता के हित में रही है। सरकार बनने के महज चंद घंटे में वादा निभा कर पूरे देश में रिकार्ड बनाने वाली एकमात्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार थी। उन्होंने कहा कि मामला चाहे लोहंडीगुड़ा में जमीन वापसी का हो या फिर लोगों की आस्था से जुड़े पर्व में सार्वजनिक अवकाश का सरकार ने सभी वर्ग का ध्यान रखा है। 18 माह में सरकार ने जो कार्य किए हैं वह पिछली सरकार के 15 वर्षो में भी नही हुआ।
वहीं अगर हम बात करें प्रवासी श्रमिकों की तो अब तक राज्य में 56 ट्रेनों के माध्यम से 76772 श्रमिकों और अन्य व्यक्तियों को राज्य वापस लाया जा चुका है। बस और अन्य माध्यमों से अब तक राज्य में कुल 244686 श्रमिकों को राज्य में वापस लाया जा चुका है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के विभिन्न मानकों पर लॉक डाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ का उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के शुरुआती 2 महीनों में ही प्रदेश में साल भर के लक्ष्य का काम पूरा कर लिया है। इस वर्ष अप्रैल और मई माह के लिए निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध प्रदेश में 175% काम हुआ है इन दोनों मामलों में छत्तीसगढ़ देश में सर्वोच्च स्थान पर है। दो माह के भीतर सर्वाधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर है। यहां 1996 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया जा चुका है।
उन्होंने मुख्य रूप से जो-जो वायदे किये थे, उन्हें पूरा किया है। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि जहाँ देश मंदी की चपेट में था, छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में सुधार देखा गया था। इसका कारण था कि उन्होंने लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने का काम किया था। कर्ज के बोझ में दबे किसानों का कर्ज़ माफ किया गया, बिजली बिल हाफ किया गया। धान का मूल्य 2500 रूपये प्रति कुंटल दिया, इसका असर राजस्व वृद्धि के रूप में देखा गया, क्योंकि जो पैसे मिले थे लोगों ने मार्केट में निवेश किया। आखिर पैसा अर्थव्यवस्था में वापस आया।
कोरोना संकट व लॉकडाउन के दौरान उन्होंने त्वरित निर्णय लिये। राज्य में अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर के औद्योगिक निर्माण के लिये दो डिस्टिलरी को लाइसेंस दिया गया।सभी जिलों में संक्रमण की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से विभिन्न चरणों पर अब तक 48.30 करोड़ रुपए जारी किए। राज्य के 56.55 लाख परिवारों को अप्रैल, मई और जून माह के लिए प्रति परिवार 105 किलो चावल निःशुल्क एवं 8.81 लाख एपीएल परिवारों को 10 रुपए प्रति किलो की दर से वितरण किया गया।
गाईडलाईन दरों में 30 फीसदी की कटौती की गई, इससे लोगों का उत्साह बढ़ा और लॉकडाउन के बाद लोगों ने ज़मीन खरीदने बेचने में रूचि दिखाई। इस निर्णय को 31 मार्च 20.21 तक बढ़ाया गया। साथ ही 75 लाख रुपए मूल्य या उससे बराबर की ज़मीन पर शुल्क में 50 फीसदी की छूट दी गई। यह राजस्व बढ़ाने में सहायक रहा। इस निर्णय को भी 31 मार्च 2021 तक बढ़ाया गया। मुख्यमंत्री के सफल नेतृत्व,कुशल मार्गदर्शन में राज्य कोरोना काल मे भी बेहतर कार्य कर रही है ।