नाग पंचमी पर इस मन्त्र से करें पूजा, जानिये कालसर्प दोष की कैसे करें पूजा
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : नाग पंचमी का विशेष महत्व है। यह पर्व सावन की शुक्ल पंचमी के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष नाग पंचमी का त्योहार शनिवार 25 जुलाई को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव के गहने यानी नाग की पूजा होती है। ऐसा नहीं है कि इस दिन केवल भगवान शिव जिस ‘वासुकी’ नाग को धारण करते हैं, केवल उसकी पूजा होती है बल्कि सभी सांपों की इस दिन पूजा करने का महत्व है।
कई जगह इस पर्व को ‘गुड़िया’ के नाम से भी मनाया जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने का भी रिवाज है। उज्जैन के पंडित एंव ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा कहते हैं, ‘हर पशु-पक्षी का अपना अलग महत्व है। इनकी मौजूदगी से पर्यावरण व्यवस्थित रहता है। सावन का महीना भगवान शिव का होता है इसलिए इस महीने की शुक्ल पंचमी के दिन उनके प्रिय गहने ‘सांप’ की पूजा की जाती है। ‘
शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी का त्योहार वर्ष 2020 में 25 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर यह पर्व शुरू होगा और शाम 8 बज कर 24 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगा।
पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं। घर की साफ-साफई के साथ ही स्नान करके शरीर को भी साफ कर लें।
इसके बाद गेरू की मदद से घर के प्रवेश द्वार पर दोनों ओर सांप की आकृति बनाएं। ऐसा करना बेहद शुभ माना गया है।
इसके बाद आप अपने घर में बने मंदिर या फिर पूजा स्थल पर जाएं और वहां एक चौकी में साफ लाल कपड़ा बिछाएं। अगर आपके पास सांप की मूर्ति है तो उस पर दूध से अभिषेक करें। अगर मूर्ति नहीं है तो आप सांप की प्रतिमा पर ही दूध चढ़ा सकते हैं।
इतना करने के बाद नाग देवता को फूल, चंदन, तांबूल आदि चीजें अर्पित करें।
नाग देवता की कथा सुने और उनकी आरती गाएं।
इस मंत्र से करें पूजन
नाग पंचमी के दिन 108 बार ‘ ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा’ मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से आपको शुभ फल प्राप्त होगा ।
इन नागों की होती है पूजा
नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने का महत्व है, मगर इस पर्व पर हर नाग की पूजा नहीं की जा सकती है। पंडित जी बताते हैं, ‘इस दिन बहुत से सपेरे धन कमाने के लिए सांप को पकड़ कर उसके दांत तोड़ कर उसे डिब्बे में बंद कर लेते हैं। अगर आप इस तरह के नाग की पूजा करते हैं तो आपको बता दें कि इसका कोई महत्व ही नहीं है।
हमेशा नाग पंचमी के दिन मंदिर में जाकर नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। यह जरूरी नहीं है कि आप वास्तविक नाग की ही पूजा करें। आप सांप की प्रतिमा की पूजा करके भी नाग देवता का आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन आपको अनंत, वासुकी, शेशा, पद्मा, कंबला, कार्कोटका, अश्वतारा, धृतराष्ट्र, शंखपाला, कालिया, ताकशाका, पिंगला आदि 12 दिव्य सांपों का स्मरण जरूर करना चाहिए ।’
कालसर्प दोष का पूजन
कई लोगों को भ्रम होता है कि नाग पंचमी के दिन कुंडली के कालसर्प दोष को दूर करने के लिए नाग देवता का पूजन किया जाना चाहिए, मगर पंडित जी कहते हैं, ‘नाग पंचमी का सर्पदोष से कोई लेना देना नहीं है। नाग पंचमी के दिन किसी भी तरह से सांप को प्रताड़ित न करें। जीवित सांप के पूजन के चक्कर में इस दिन बहुत सारे लोग सांपों को नुकसान पहुंचाते हैं। यह एक पाप है, धर्म के नाम पर किसी जीव को परेशान करना आपको कोई शुभ फल नहीं देगा। बेहतर होगा कि मंदिर जाकर नाग देवता की पूजा करें या घर पर उनकी प्रतिमा की पूजा कर लें।