पत्थलगांव में करंट से हाथी की मौत

Report manpreet singh 

 Raipur chhattisgarh VISHESH : पत्थलगांव, जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर पर तपकरा के पास खक्सी टोली में एक दम्पति द्वारा लगाए गए करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई। दंपत्ति ने कबूल कर लिया है कि हाथी से खुद को बचाने के लिए घर को करंट तार से घेर रखा था।

 

ज्ञात हो कि 7-8 माह पहले इस बस्ती में बिजली की व्यवस्था कराई गई थी और जबसे इस बस्ती में बिजली लगी है तभी से उक्त दंपत्ति रंजीत किस्पोट्टा और पत्नी आनंद किस्पोटा ने हाथी से बचने के लिए करंट का इस्तेमाल शुरू कर दिया था। 

 

वन विभाग द्वारा शुक्रवार सुबह से ही इस मामले में कार्रवाई कर दंपत्ति से पूछताछ की जा रही है। अब तक हुई पूछताछ में दम्पत्ति ने करंट लगाना और उससे हाथी की मौत होना स्वीकार किया है।

 

ज्ञात हो कि बीते कई दिनों से तपकरा इलाके में हाथियों की मौजूदगी है। कुछ ही दिन पहले हाथियों का समूह तपकरा से लगे सांसद गोमती साय के निवास मुंडाडीह में भी पहुंच गया था। हाथी कुछ पेड़ों को नुकसान कर वापस चले गए थे। 

वन्यजीव प्रेमी अनिल यादव ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि जिले में हाथियों का आना-जाना हमेशा लगा रहता है। हाथियों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। 

जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि तपकरा के पास गांव में करंट से हाथी की मौत बेहद दुखद है। वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर है। करंट लगाना गैरकानूनी है। उस करंट की चपेट में कोई भी आ सकता था। करंट प्रवाहित करने वाले पर वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। मैं जिले के डीएफओ से बात कर उन्हें हाथी प्रभावित गांवों में वन विभाग की टीम भेजकर वहां के लोगों से हाथियों की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने कहूंगा जिससे लोग इस तरह वन्य जीवों से खिलवाड़ न करें। जिलेवासियों से अपील करता हूं कि हाथियों के लिए इस तरह के जानलेवा उपाय बिल्कुल न करें।

बहरहाल, मृत हाथी का अंतिम संस्कार हो गया है। अंतिम संस्कार में रायगढ़ की भाजपा सांसद गोमती साय भी पहुंचीं। उन्होंने सबसे पहले मृत हाथी को श्रद्धांजलि दी। साथ ही हाथियों की इस तरह से हो रही मौत पर शासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इतने कम संख्या में हाथी रह गए हैं उसकी भी सुरक्षा कर पाने में राज्य सरकार समर्थ नहीं है। इस क्षेत्र में हाथियों का आना-जाना हमेशा लगा रहता है। जिससे किसान एवं गांववासी भी भयभीत रहते हैं। राज्य शासन को हाथियों को अलग से रखने के लिए प्रोजेक्ट जल्द से जल्द बनाना चाहिए। साथ ही अब गांव-गांव जाकर वन विभाग को हाथियों को बचाने एवं इस तरह के हमलों का सहारा न लेने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। हाथियों को सुरक्षित रखना हम सब का कर्तव्य है। 

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