भेंट-मुलाकात : ग्राम अर्जुनी
रायपुर, 12 नवंबर 2022
– मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने भेंट-मुलाकात अभियान की कड़ी में आज राजनांदगाँव ज़िले के डोंगरगाँव विधानसभा के ग्राम अर्जुनी पहुँचे।
– अर्जुनी हैलीपैड पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का स्वागत चरखे पर खादी का धागा और गमछा भेंटकर स्वागत किया।
– मुख्यमंत्री ने भी आत्मीय भाव से लोगों से मुलाकात किया और इस स्नेह के लिए आभार जताया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ग्राम अर्जुनी में भेंट मुलाकात स्थल पर पहुंचे
छत्तीसगढ़ महतारी के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात की शुरुआत की।
– मुख्यमंत्री के साथ विधायक एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री दलेश्वर साहू, ज़िला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री नवाज़ खान, अर्जुनी की सरपंच श्रीमती द्रौपती साहू, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, संभागायुक्त श्री महादेव कावरे, आईजी राजनांदगाँव रेंज श्री बद्रीनारायण मीणा, ज़िला कलेक्टर श्री डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री प्रफुल्ल ठाकुर मंच पर मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को ग्राम कोपेडीह (आलीकुटा) की श्रीमती सरिता साहू ने बताया कि अभी तक 50 क्विंटल गोबर बेचा है। इसके एवज़ में एक लाख रुपये मिले। जिसमें घर की ज़रूरतों को पूरा करने के साथ ही एक स्कूटी की ख़रीदी भी की।
भेंट-मुलाकात को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले वर्ष जो धान बेचा है, उसके तीन किश्तों का भुगतान हो चुका है।
हमारी सरकार में हमने एपीएल, बीपीएल सभी वर्ग का राशन कार्ड बनवाया गया है।
मुख्यमंत्री से ग्राम अमलीडीह की महिला श्रीमती लक्ष्मी वैष्णव ने बुनकर के कार्य के लिए जमीन माँगी तो मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि उनके ग्राम में रीपा (रुरल इंडस्ट्रियल पार्क) के लिए दो करोड़ रुपये दिये गए हैं, जो बनकर तैयार भी हो चुका है। वहाँ लघु व मध्यम उद्योग संचालित किये जा सकते हैं।
– सड़कों पर आवारा मवेशियों की मौजूदगी पर बोलते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि गौठान हमारे छत्तीसगढ़ की पुरानी परम्परा है। आवारा मवेशियों की समस्या से निपटने के लिए गाँव-गाँव में गौठान बनाए जा रहे हैं।
– मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से पैरा (पराली) न जलाने की अपील की। उन्हें मवेशियों के चारा के लिए इस्तेमाल करने की बात कही।
– उन्होंने कहा कि इससे मवेशियों को चारा मिलेगा तो उनका पेट भरेगा साथ ही उनसे मिलने वाले गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाकर उसे खेतों में खाद की तरह उपयोग कर सकते हैं। इससे उत्पादन भी बढ़ेगा।
– इस कदम से फसल के लिए रासायनिक खादों के इस्तेमाल से होने वाले नुक़सान से बचा जा सकता है।
– जैविक खाद से फसल के सेवन से शरीर को कोई नुकसान नहीं है, जो मानवता की सेवा भी है।
– मुख्यमंत्री द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के हितग्राहियों के बारे में पूछने पर सिंगारपुर निवासी श्री परस राम निषाद ने बताया कि योजना की बीते वर्ष की सभी किश्त मिल गई है। श्री परस राम ने बताया कि इस बार की एक किश्त भी उनके खाते में आ चुकी है।