खाद्य मंत्री नें उतावलेपन में दिया ऐसा बयान कि नाराज हो गए सीएम —- शाम ढलते बदलना पड़ा बयान और नाराजगी दूर करने पहुँचे वन मंत्री के बंगले

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : अपने ऊलजलूल हरकतों के लिए वर्ल्ड फेमस खाद्य मंत्री एक बार फिर सुर्खियों में हैं।सरगुजा जिले में टीएस की काट के रूप में विख्यात अमरजीत भगत अक्सर अपनी कारिस्तानियों की बदौलत चर्चा का केंद्र बनते रहे हैं।घोर कोरोना काल में सख़्त लॉक डाउन के माहौल में हज़ारों लोगों के साथ जन्मदिन का जश्न मनाने की बात हो या मीडिया में बने रहने के लिए बेतुकी बयानबाजी का मामला।लेकिन इस बार उनकी यही फितरत उनके लिए घाटे का सौदा साबित हुई।आज सुबह मीडिया से चर्चा के दौरान खाद्य मंत्री भगत नें कहा कि सरकार ने किसानों को न्याय योजना के तहत बिना धान बेचे भी किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ भुगतान करने का फैसला लिया है।

सूत्रों की माने तो सरकार के मुखिया भूपेश बघेल नें खाद्य मंत्री की इस हरकत को गुस्ताखी माना और नाराज हो गए।सूत्रों नें बताया कि खाद्य मंत्री की इस गुस्ताखी पर मुख्यमंत्री नें कड़ी नाराजगी जताई और इसे सरकार विरोधी मान लिया।सूत्र बताते हैं कि न्याय योजना से संबधित इस बात की घोषणा 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर खुद मुख्यमंत्री की आसन्दी से भूपेश बघेल ही करने वाले थे।लेकिन खाद्य मंत्री के उतावलेपन नें यह पहले ही लीक कर दिया। जैसे ही खाद्य मंत्री को मुखिया के नाराजगी की खबर मिली वैसे ही तत्काल उन्होंने एक बार फिर मीडिया को बुलाया और यह जानकारी दी कि इस संबन्ध में समिति निर्णय लेगी।तब तक काफी देर हो चुकी थी।डेमेज कंट्रोल की कोशिश में अमरजीत भगत वन मंत्री मोहम्मद अकबर के बंगले पहुँचें।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ऐसा क्या पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने ही मंत्री से नाराज हुए है? सूत्रों के मुताबिक मामला छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से जुड़ा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आपत्ति जताई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री से संवाद किए बगैर एक बयान मीडिया के सामने दिया था जिसे लेकर अब बवाल हो गया है। सूत्रों का कहना है कि खाद्य मंत्री के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने काफी नाराज है। इस नाराजगी को दूर करने मंत्री अमरजीत भगत अभी अभी वन मंत्री मोहम्मद अकबर के बंगले पहुंचे हैं। किसी तरह मुख्यमंत्री की इस नाराजगी को दूर कराने उनसे आग्रह भी किया है। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है उनके बयान से सरकार की गतिविधियों पर काफी बड़ा असर पड़ सकता है। जिसकी वजह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे गंभीरता से लिया है। बता दें कि खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि किसान न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के किसानों को धान नहीं बेचने पर भी प्रोत्साहन राशि भुगतान किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपए भुगतान किया जाएगा। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को पंजीयन करना होगा।जिसे बाद में उन्होंने बदल कर यह कहा कि इस बात का फैसला समिति करेगी।

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