निजी स्कूलों के फीस निर्धारण में अब पलकों की भी अहम हिस्सेदारी होगी —– भूपेश सरकार के नए अधिनियम से अब निजी स्कूल प्रबंधक मनमानी नहीं कर सकेंगे।

 

0   भूपेश सरकार के नए अधिनियम से अब निजी स्कूल प्रबंधक मनमानी नहीं कर सकेंगे।

 0    निजी स्कूलों के फीस निर्धारण में अब पलकों की भी अहम हिस्सेदारी होगी।

Report manpreet singh 

RAIPUR chhattisgarh VISHESH : रायपुर, विधायक एवं संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने प्रदेश भर के निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाये जाने को लेकर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए आज सीधे स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डाॅ. आलोक शुक्ला से मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की है। चर्चा के बाद विकास उपाध्याय ने आरोप लगाया कि रमन सरकार लाखों पालकों को हासिये में रखकर इन निजी स्कूलों के प्रबंधकों को खुली छूट देकर रखी थी और 15 साल तक ऐसा कोई नियम नहीं बनाया, जिससे कि इस पर अंकुश लगाया जा सके, उन्होंने इसे लेकर आज बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर बहुत जल्द फीस को लेकर भूपेश सरकार एक अधिनियम ला रही है, जिसमें अब पालकों की भी अहम भूमिका होगी। 

विधायक विकास उपाध्याय से लगातार निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के माता-पिता आये-दिन मुलाकात कर इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि निजी स्कूलों द्वारा फीस को लेकर हाई-कोर्ट के निर्णय के बाद भी निजी उनके प्रबंधकों द्वारा मनमानी की जा रही है। यहाँ तक कि जो ट्यूशन फीस निर्धारित था उसे 2 से 3 गुना बढ़ोतरी कर पलकों से वसूला जा रहा है। विकास ने कहा यह इसलिये हो रहा है कि तत्कालिन रमन सरकार ने लाखों पालकों के हित को कभी ध्यान में नहीं रखा और इन तमाम निजी स्कूलों को सह मिलते रहा।

विकास उपाध्याय ने कहा निजी स्कूलों को लेकर अभी तक कोई वैधानिक प्रावधान नहीं होने की वजह से वे लगातार मनमानी करने का फायदा उठाते रहे। बावजूद पिछली सरकार का इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया। विकास उपाध्याय ने आज स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला से चर्चा के बाद एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि निजी स्कूलों की फीस निर्धारण की प्रक्रिया में अब पालकों की भी अहम भूमिका होगी, जिसे सरकार द्वारा बहुत जल्द लायी जा रही विधेयक में अहम हिस्सेदारी के रुप में जोड़ा जा रहा है।

विकास उपाध्याय ने ये भी कहा अभी तक निजी स्कूलों के लिए कोई नियम न होने की वजह से इनके प्रबंधक कोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं कर रहे थे, परन्तु नया विधेयक पारित हो जाने के पश्चात् इनकी मनमानी में शत् प्रतिशत् अंकुश लगेगा। यहाँ तक कि यदि विद्यालय प्रबंधन इस अधिनियम का पालन करने उल्लंघन करेगी तो प्रथम उल्लंघन पर 50 हजार रूपये का जुर्माना देना होगा। इसके पश्चात् प्रत्येक उल्लंघन पर अधिकतम 1 लाख रूपये तक का जुर्माने का दण्ड देने का प्रावधान किया जा रहा है।

विकास उपाध्याय ने कहा वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हाल ही के दिनों प्रदेश भर के पालकों पर आ रही परेशानी एवं निजी स्कूलों द्वारा फीस के नाम पर तंग किये जाने की शिकायत की बात कही थी। जिस पर उन्होंने गंभीरता पूर्वक इस दिशा में कड़ा अधिनियम लाये जाने की बात की जानकारी दी थी और विभागीय प्रमुख सचिव ने आज चर्चा में विस्तार से इस पर बात करी, इससे साफ जाहीर है भूपेश सरकार आम जनों की अपेक्षा के अनुरूप कार्य करने कृतसंकल्पित है। अब निजी स्कूलों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के पालकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार खुद इस समस्या को अपने संज्ञान में लेकर बहुत जल्द नये अधिनियम को कार्यरूप में जारी करने जा रही है।

 

 

 

 

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