बेकाबू ट्रक ने दो युवकों और आधा दर्जन वाहनों को कुचला, युवकों की मौत….इलाके में हड़कंप

Report manpreet singh 

RAIPUR chhattisgarh VISHESH : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संतोषीनगर बाजार के सामने एक ट्रक ने बाइक सवार दो युवकों को इस तरह रौंदा कि दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। युवकों को रौंदने के बाद बेकाबू ट्रक ने आधा दर्जन और दोपहिया को भी कुचल दिया और बड़ा हादसा होते-होते रुका।

ट्रक रुकते ही ड्राइवर वहां से भाग निकला। गुस्साई भीड़ ने ड्राइवर को ढूंढने की कोशिश की पर वह नहीं मिला। मौके पर कुछ देर में पहुंची पुलिस ने गुस्साई भीड़ को समझाकर शांत किया और ट्रक को थाने ले गई l पुलिस ने बताया कि हादसे में टिकरापारा के अभिषेक श्रीवास्तव (23) और अरुण तिवारी (22) की मृत्यु हुई है। दोनों अच्छे दोस्त थे और शनिवार को दोपहर 2 बजे टिकरापारा जाने के लिए निकले थे। उनकी बाइक जैसे ही बाजार के पास पहुंची, पीछे से आ रहे ट्रक ने जोरदार टक्कर मारी।

टक्कर की वजह से एक युवक दूर गिरा और दूसरा चक्के के नीचे आ गया। युवकों की बाइक भी ट्रक के नीचे आकर फंस गई। हादसे से बौखलाए ट्रक ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और बाईं ओर घुसने लगा।इस दौरान ट्रक ने किनारे खड़ी आधा दर्जन मोपेड और बाइक को कुचल डाला। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वहां कुछ लोग भी खड़े थे, जो ट्रक आता देखकर भागे और बचे। इससे आसपास काफी देर तक अफरातफरी मची रही ।हदसे के बाद मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई और लोगों ने ट्रक ड्राइवर को ढूंढा, लेकिन वह नहीं मिला। इस बीच, सूचना मिलने पर कुछ देर में पुलिस भी पहुंच गई।

लोगों ने पुलिस को बताया कि संभवत: युवकों की मृत्यु हो गई है। पुलिस ने दोनों को अस्पताल भिजवाया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया ।शाम तक पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिए गए। अरुण का शव उत्तरप्रदेश भेजा गया है, क्योंकि वह वहीं का रहनेवाला था और यहां नौकरी करने के लिए आया था। अभिषेक यहीं का रहनवाला था।

पुलिस ने बताया कि ट्रक कोलर से बिस्कुट लोड करके रायपुरा जा रहा था। ट्रक के बिस्कुट लेकर आने और जाने, दोनों का यही रूट है। शनिवार को ट्रक जिस समय संतोषीनगर पहुंचा, बाजार में काफी भीड़ थी क्योंकि बाजार सड़क के दोनों ओर लगता है। वहां फलों से लेकर चाट-गुपचुप तक के ठेके खड़े थे।

पुलिस और प्रशासन से कई बार आग्रह किया गया है कि दिन में इस सड़क पर भारी वाहनों के लिए नो-एंट्री लागू कर दी जाए। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। इस सड़क से चौबीसों घंटे भारी वाहन गुजरते हैं।

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