केंद्र सरकार द्वारा ई-कॉमर्स के लिये डार्क पैटर्न अधिसूचना ई-कॉमर्स व्यापार में करेगी सुधार
ज़रूरी है ई-कॉमर्स पालिसी एवं नियमों का जारी होना – कैट ने किया पीयूष गोयल से आग्रह – अमर पारवानी
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर “डार्क पैटर्न“ के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना का कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है और कहा है कि इससे ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा ग्राहकों को बरगलाने की प्रवृति पर रोक लगेगी। ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमाने रवैये के खिलाफ़ कैट द्वारा गत चार वर्षों से लगातार किए जा रहे संघर्ष में इसको सरकार का एक बड़ा कदम माना जा रहा है। कैट इस संबंध में केंद्रीय सरकार के वाणिज्य मंत्रालय एवं उपभोक्ता मंत्रालय से लगातार इस बात का आग्रह कर रहा था कि ई कॉमर्स कंपनियाँ अपने भ्रामक बिज़नेस मॉडल के ज़रिए न केवल व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहा था बल्कि ग्राहकों के हितों को भी बड़ी हानि पहुँचा रहा था। जिस पर रोक के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाने बेहद आवश्यक हैं।
कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल को इस कदम के लिए धन्यवाद करते हुए आग्रह किया कि अब ई- कॉमर्स पालिसी एवं नियमों को भी तुरंत लागू किया जाये जिससे भारत में ई-कॉमर्स का व्यापार एक बेहद व्यवस्थित तरीक़े से चल सके और ई-कॉमर्स पोर्टल की ज़िम्मेदारी तय हो।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि डार्क पैटर्न उसे कहा जाता है जिसके ज़रिए ग्राहकों को धोखा अथवा उनकी पसंद में हेरफेर करने का प्रयास किया जाता है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा 30 नवंबर को इस संबंध में “डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश“ के रूप में एक गजट अधिसूचना जारी की गई थी, जो भारत में सामान देने अथवा सेवाओं को प्रदान करने वाले सभी प्लेटफार्मों, विज्ञापनदाताओं और विक्रेताओं पर लागू है। अभिसूचना के मुताबिक़ डार्क पैटर्न का सहारा लेना, भ्रामक विज्ञापन देना या अनुचित व्यापार करना,उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन होगा। इसमें कहा गया है कि जुर्माना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार लगाया जाएगा।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि उभरते डिजिटल व्यवसाय में, उपभोक्ताओं को उनकी खरीदारी के विकल्पों और व्यवहार में हेरफेर करके गुमराह करने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों द्वारा डार्क पैटर्न का तेजी से उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिसूचित दिशानिर्देश से सभी स्टेकहोल्डर्स खरीदारों, विक्रेताओं, बाज़ारों और नियामकों को यह ज्ञात होगा कि किस कार्य को अनुचित व्यापार प्रथाओं के रूप में माना जाएगा और उसके उल्लंघन पर कड़ी करवाई हो सकती है। अधिसूचना के अनुसार, डार्क पैटर्न को किसी भी प्लेटफ़ॉर्म पर उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस या उपयोगकर्ता अनुभव इंटरैक्शन का उपयोग करके किसी भी अभ्यास या भ्रामक डिज़ाइन पैटर्न के रूप मे उपयोगकर्ताओं को कुछ ऐसा करने के लिए गुमराह करने या धोखा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है या उपभोक्ता की स्वायत्तता, निर्णय लेने की स्वतंत्रता या उनकी पसंद को प्रभावित कर रहा है। डार्क पैटर्न का एक उदाहरण “बास्केट स्नीकिंग’ है जिसमें ग्राहकों की सहमति के बिना किसी प्लेटफ़ॉर्म से चेकआउट करते समय उत्पादों, सेवाओं, के लिए अतिरिक्त राशि चार्ज करना जो ग्राहक की ख़रीद की ने राशि से अधिक है। एक अन्य डार्क पैटर्न जिसे “जबरन कार्रवाई“ कहा जाता है, का अर्थ है किसी ग्राहक को ऐसी कार्रवाई करने के लिए मजबूर करना जिसके लिए उसको कोई अतिरिक्त सामान खरीदने या किसी असंबंधित सेवा के लिए सदस्यता लेने या साइन अप करने या सामान अथवा सेवा खरीदने या सदस्यता लेने के लिए व्यक्तिगत जानकारी साझा करने के लिए बाध्य किया जाना है। इसी तरह, सीसीपीए ने केवल उद्योग के लिए मार्गदर्शन के रूप में 13 डार्क पैटर्न जारी किए हैं।
कैट ने उम्मीद जताई है कि इस अधिसूचना से ई-कॉमर्स व्यापार में पारदर्शिता आएगी और ग्राहकों का हित भी सुरक्षित रहेगा और ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमाने रवैये आदि पर कुछ हद तक लगाम लग सकेगी।
धन्यवाद
सुरिन्द्रर सिंह
प्रदेश महामंत्री
7000147979