फिर करंट के चपेट में आने से गर्भवती हथिनी की हुई मौत – वन विभाग की सह भागिता के बिना ये सब सम्भव नहीं
Report manpreet singh
RAIPUR chhattisgarh VISHESH : महासमुंद, जिले के पिथौरा क्षेत्र के किशनपुर पंचायत अंतर्गत नवगढिय़ाडिपा में शनिवार सुबह लोगों ने खेत के किनारे एक हाथिनी का शव देखा। गांव के बाहरी इलाके में हथिनी का शव होने की खबर गांव में पहुंचते ही सनसनी फैल गई। इसके बाद वन अमले को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे वन अमले ने पाया कि मृत हथिनी गर्भवती थी। इसके साथ ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि हथिनी की मौत करंट लगने की वजह से हुई है।
खेत पहुंचे किसानों ने मृत हाथिनी को देखकर सरपंच प्रतिनिधि कमलेश बारीक को इसकी सूचना दी। कमलेश की सूचना पर मौके पर वन और पुलिस अमला पहुंचा। हथिनी की मौत किस परिस्थिति में हुई, हत्या या दुर्घटना है वन अफसर इस बात की जांच में जुटे हैं। बताया गया है कि गत एक सप्ताह से चार हाथी का दल गिरना टिकरा क्षेत्र में सक्रिय था। यह हाथिनी इसी दल की सदस्य बताई गई है।
हथिनी का शव किशनपुर बिट के कक्ष क्रमांक 491 में नारंगी क्षेत्र में बांधा के ऊपर किसान कीर्तन भोई पुत्र अर्खित भोई के चने के खेत के पास मिला। बताया गया है कि पास ही बिजली का पोल है। संभवत: करंट लगने से हाथिनी की मौत हुई है। डीएफओ मयंक पाण्डेय ने बताया कि हथिनी की उम्र करीब 30 साल रही होगी। बहरहाल मौके पर वन अफसरों के पहुंचे हैं और शव को वहां से हटाकर पंचनामे के लिए ले जाया जा रहा है। बता दें कि राज्य में पिछले कुछ महीनों से लगातार हाथियों की मौत हो रही है।
इस बात की भी आशंका अब उपजने लगी है कि यह काम हाथी अंगों के तस्करों का भी हो सकता है। तीन दिनों पहले भी एक धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में गांव के बाहर एक हाथी इसी तरह मृत पाया गया था। उसकी मौत की वजह भी करंट लगना माना जा रहा है। बता दें कि राज्य में मानव- हाथी द्वंद भी लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार को जशपुर क्षेत्र में हाथियों ने तीन लोगों को कुचल कर मार डाला था। सरगुजा में हाथियों से बस्तियों की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग का सहारा लिया जा रहा है।