ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास का निधन, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने मारी गोली
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास का रविवार को निधन हो गया. एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जाते समय रविवार दोपहर उन्हें एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने गोली मारी थी.ये घटना दोपहर एक बजे के क़रीब झारसुगुड़ा ज़िले में ब्रजराजनगर के नज़दीक गांधी चौक पर हुई थी.गोली लगने के बाद उन्हें एयरलिफ़्ट करके इलाज के लिए भुवनेश्वर लाया गया था, जहां उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था.
अधिकारियों के मुताबिक अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने का काफ़ी प्रयास किया लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नब किशोर दास के निधन पर शोक जताया है. मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “ओडिशा सरकार में मंत्री श्री नब किशोर दास जी के असमय निधन से स्तब्ध हूं. इस दुखद घड़ी में उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं हैं. ओम शांति.”
घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री पटनायक ने कहा, “डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें बचाया न जा सका.”
मुख्यमंत्री पटनायक ने कहा, “नब दास सरकार और पार्टी दोनों के लिए एक संपत्ति थे. उन्होंने लोगों के लाभ के लिए स्वास्थ्य विभाग में कई अहम पहल कीं और उन्हें सफलता दिलाई. एक नेता के रूप में, उन्होंने बीजू जनता दल को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका निधन ओडिशा राज्य के लिए एक बड़ी क्षति है.”
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्वास्थ्य मंत्री के निधन पर शोक ज़ाहिर किया है. हमले के बाद मुख्यमंत्री पटनायक ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है.नब किशोर दास को जब इलाज के लिए भुवनेश्वर के निजी अस्पताल लाया गया तब उस समय मुख्यमंत्री पटनायक भी वहां मौजूद थे.
एएनआई से हुई बातचीत में एक प्रत्यक्षदर्शी और पेशे से वकील राम मोहन राव ने बताया, ”जब आए थे तो भीड़ उन्हें लेने गई, उसमें कुछ सुरक्षाकर्मी भी थे. उसी दौरान एक आवाज़ आई और भीड़ में से पुलिस ऑफिसर दौड़ कर भागा. भागने के क्रम में भी उसने फायरिंग की. हमें लगा कि जिसने मारा, उसके लिए उसने फायरिंग की है. गोली सीने में लगी है.”इस हमले के बाद इलाक़े में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. बीजू जनता दल के सीनियर नेता दास झारसुगुड़ा विधानसभा सीट से 2009 से विधायक थे.नब किशोर दास ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी. 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले ये कांग्रेस छोड़कर बीजेडी में शामिल हो गए थे और इनको पहली बार कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया था.