कूटनीति से नहीं माना चीन तो दूसरे विकल्प भी खुले, मोदी की लद्दाख यात्रा चार सूत्रीय रणनीति का हिस्सा

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक लेह यात्रा चीन से निपटने की उनकी चार सूत्रीय योजना का हिस्सा है। उन्होंने चीन के खिलाफ कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पहले ही खोले हुए हैं। शुक्रवार सुबह की लद्दाख यात्रा से उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि यदि चीन वार्ता के जरिए नहीं मानता है, तो भारत दूसरे सभी उपलब्ध विकल्पों को अपनाने से नहीं हिचकेगा।

विदेश मामलों के जानकारों के मुताबिक, पीएम मोदी की लद्दाख यात्रा उचित समय पर उचित कदम है। इससे न सिर्फ सेनाओं का मनोबल बढ़ा है, बल्कि चीन को भी सख्त संदेश मिलेगा। एलएसी पर भारत दबाव में तो नहीं ही आएगा। जरूरत पड़ी तो भारत की सेना चीन के आगे मजबूती से खड़ी होगी।

पिछले कुछ समय में भारत ने लद्दाख में सैन्य उपस्थिति और सुदृढ़ की है। गलवां घाटी और पैंगोंग झील इलाकों में चीनी सेना के निर्माण पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच तीन वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन चीन हटने को तैयार नहीं है। इसी दौरान संघर्ष में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने से मामला और बिगड़ गया।

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