पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय : केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सचिव ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भविष्य शिखर सम्मेलन के एक सह कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण दिया


केंद्रीय सचिव सुश्री लीना नंदन ने कहा कि आईईए के अनुसार, वैश्विक स्तर पर लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) को अपनाने से 2030 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में 2 अरब टन की कमी आएगी

सुश्री लीना नंदन ने प्रधानमंत्री की ‘एक पेड़ मां के नाम’  को दूरदर्शी पहल के तौर पर रेखांकित किया जिससे वैश्विक स्तर पर लोगों को अपनी मां और धरती मां के नाम पेड़ लगाने की प्रेरणा मिलती है

सुश्री नंदन ने बताया कि भारत में 5 जून से 17 सितंबर तक 75 करोड़ पेड़ यानी हर दिन 70 लाख पेड़ लगाए गए

सुश्री नंदन ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति और ग्रीन जॉब्स के लिए कौशल परिषद भारत में युवाओं को ग्रीन जॉब्स के लिए कौशल प्रदान करने की कुंजी हैं

प्रविष्टि तिथि: 21 SEP 2024 5:24PM by PIB Delhi

आज संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित भविष्य के शिखर सम्मेलन के एक सह कार्यक्रम में, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव सुश्री लीना नंदन ने अपने उद्घाटन भाषण में टिकाऊ भविष्य के लिए युवाओं को सशक्त बनाने, अंतर पीढ़ीगत जिम्मेदारी और न्यायसंगत परिवर्तन के लिए कौशल के बारे में बताया।

उद्घाटन भाषण में लाइफ अर्थात लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट पर आधारित दो मिनट का एक वीडियो प्रदर्शित किया गया। केंद्रीय सचिव सुश्री लीना नंदन ने कहा कि लाइफ पर बना यह दो मिनट का वीडियो भारत के जलवायु परिवर्तन की चुनौती का समाधान करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण के दर्शन और वास्तविक भावना को दर्शाने का प्रयास है। उन्होंने आगे कहा कि लाइफ अर्थात लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट, भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सीओपी-26 में घोषित प्रमुख रणनीतियों में से एक है।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मिशन लाइफ को अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की उपस्थिति में वैश्विक स्तर पर लॉन्च किया था। लाइफ मिशन देश और दुनिया भर में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में लागू किया जा रहा है।

इस अवसर  उन्होंने कहा कि मिशन लाइफ हमारे दैनिक व्यवहार को पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों और टिकाऊ जीवनशैली अपनाने को बढ़ावा देता है। टिकाऊ उपभोग प्रवृत्तियों को एकीकृत करके, लाइफ एसडीजी12 पर महत्वपूर्ण प्रगति कर सकता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत द्वारा प्रायोजित क्लाइमेट एक्शन प्रस्ताव को बोलीविया और श्रीलंका का समर्थन मिला। इस गति को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा ने 1 मार्च, 2024 को नैरोबी में अपने छठे सत्र में टिकाऊ जीवनशैली को बढ़ावा देने वाले प्रस्ताव को अपनाया। उन्होंने आगे कहा कि अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का अनुमान है कि मिशन लाइफ द्वारा प्रेरित कार्यों को लागू करने से 2030 तक वैश्विक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में प्रति वर्ष 2 बिलियन टन की कमी आ सकती है।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज के बच्चे और युवा पीढ़ीगत समानता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि इस जिम्मेदारी के लिए हमें उन्हें एक न्यायसंगत परिवर्तन के लिए आवश्यक कौशल और उपकरण प्रदान करने की आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि हमारे युवा, जो जनसंख्या का लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा हैं, वे हरित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन का नेतृत्व करने की बहुत बड़ी क्षमता रखते हैं। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में, हम इस जनसांख्यिकीय लाभ को टिकाऊ एवं समावेशी विकास प्राप्त करने के लिए आवश्यक मानते हैं।

सुश्री लीना नंदन ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति, ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम और स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स (एससीजीजे) के साथ, बढ़ती ग्रीन जॉब्स की मांग को पूरा करने के लिए एक व्यापक समाधान प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि एससीजीजे का 2047 के लिए विजन, स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन से भारत में 3.0-3.5 करोड़ नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। इंटरनेशनल सोलर एलांय एवं ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस जैसे कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाकर और उन्हें कौशल से लैस करके वैश्विक स्तर पर ग्रीन जॉब्स सृजित करना है। टिकाऊ उपभोग और उत्पादन के लिए लाइफ अर्थात लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट को बढ़ावा देने में भारत के योगदान को पहचानते हुए, उसे यूएनईपी के तहत 10 साल के कार्यक्रमों के ढांचे (10 वाईएफपी) के बोर्ड में दो साल के लिए नामांकित किया गया है।

उन्होंने प्रधानमंत्री के मिशन लाइफ पर विशेष ध्यान देने के उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा : “बहुत बार, हमारी चर्चा उत्सर्जन में कटौती के तर्क तक सीमित हो जाती है। लेकिन अगर हम केवल निर्णय नहीं थोपते बल्कि किफायती समाधान पेश करते हैं तो हम सफल होने की अधिक संभावना रखते हैं और, यही कारण है कि मैं जीवनशैली में बदलाव का आह्वान करती हूं। क्योंकि, उत्सर्जन में कमी जो हम चाहते हैं, वह हम कैसे जीते हैं और काम करते हैं, इसका नैसर्गिक परिणाम होगा।”

केंद्रीय सचिव सुश्री लीना नंदन ने “एक पेड़ मां के नाम” या “प्लांट4 मदर” लॉन्च करने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य भारत और दुनिया के नागरिकों को अपनी मां एवं धरती माता के प्रति प्रेम और सम्मान के प्रतीक के रूप में पेड़ लगाने में शामिल करना है। उन्होंने घोषणा की कि इस पहल के तहत 5 जून से 17 सितंबर के बीच भारत में 75 करोड़  मिलियन से अधिक पेड़ लगाए गए हैं, जो प्रतिदिन लगभग 70 लाख पेड़ों के बराबर है।

उन्होंने सभी से एक साथ आने और आगे बढ़ने का आग्रह किया, यह पहचानते हुए कि हमारे आज के चयन न केवल धरती को लाभान्वित करेंगे बल्कि हमारे बच्चों और युवाओं के भविष्य को भी आकार देंगे।

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