एसईसीएल मुख्यालय में ’’विश्वकर्मा जयंती’’ धूमधाम व श्रद्धापूर्वक मनाई गई
Raipur chhattisgarh VISHESH प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी एसईसीएल मुख्यालय में दिनांक 17 सितम्बर 2024 को आदिशिल्पी विश्वकर्मा भगवान की जयन्ती बहुत ही धूमधाम के साथ विभिन्न विभागों के द्वारा मनायी गयी ।
इस अवसर पर अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ. प्रेम सागर मिश्रा, निदेशक तकनीकी (संचालन) श्री एसएन कापरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) श्री फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) श्री बिरंची दास एवं निदेशक (वित्त) श्री डी सुनील कुमार, मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री हिमांशु जैन, श्रद्धा महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती पूनम मिश्रा, उपाध्यक्षा श्रीमती संगीता कापरी, श्रीमती अनीथा फ्रैंकलिन, श्रीमती इप्शिता दास, श्रीमती हसीना कुमार, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षगण, अधिकारियों-कर्मचारियों, महिलाकर्मीगण सपरिवार विभिन्न विभागों में स्वमेव पहुचकर ’’विश्वकर्माजी’’ की स्थापित प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर दर्शन किए एवं आशीर्वाद व भोग-प्रसाद ग्रहण किए ।
एसईसीएल मुख्यालय के परिवहन विभाग, उत्खनन विभाग, टेलिफोन विभाग, एसी प्लान्ट, सिस्टम विभाग, इंदिरा विहार तथा वसंत विहार नगर प्रशासन विभाग, एसईसीएल मुख्यालय तथा इंदिरा विहार-वसंत विहार इलेक्ट्रिकल सब स्टेशन में ’’विश्वकर्मा जी’’ की प्रतिमा स्थापित कर झॉंकी सजाई गई एवं सभी जगह विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गयी एवं स्वादिस्ट भोग-प्रसाद का वितरण किया गया ।
आश्विन कृष्ण पक्ष की नवमी को ’’आदिशिल्पी विश्वकर्मा’’ के जन्मदिन के सुअवसर पर यह पर्व मनाया जाता है । पुराणों के अनुसार राजा इन्द्र के लिए अलकापुर, कुबेर के लिए लंकापुर, भगवान शिव के लिए कैलाश, भगवान कृष्ण के अनुरोध पर उनके सखा सुदामा के लिए भव्य महल का निर्माण ’’विश्वकर्मा भगवान’’ ने किया, उन्होंने युधिष्ठिर के लिए उस अद्भुत महल का निर्माण भी किया था जिनमें जल और जमीन में अंतर न कर पाने के कारण दुर्योधन को अपमानित होना पड़ा था, इसी वजह से ’’आदिशिल्पी विश्वकर्मा’’ को उच्च कोटि का अभियंता कहा जाता है ।
जनसंपर्क अधिकारी
एसईसीएल बिलासपुर