विवादों के बाद वन नेशन वन कार्ड योजना को छत्तीसगढ़ में लागू करने के लिए जारी किए गए टेंडर को लेकर बड़ा विवाद शुरू
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : केंद्र सरकार ने राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए 100 करोड़ का फंड मंजूर किया है। पिछले साल अक्टूबर में जो टेंडर जारी किया गया था उसमें इसके लिए 57 करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही गई, लेकिन इस बार निकाले गए टेंडर में 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं।
केवल 10 महीने में ही काम की लागत 43 करोड़ से ज्यादा बढ़ गई। देश के 26 राज्यों में केंद्रीय फंड से ही काम किया जा रहा है। नई योजना के तहत राज्यभर के 58 लाख से ज्यादा राशन कार्डों को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ का कोई भी व्यक्ति राज्य के साथ ही देश के किसी भी राशन दुकान से राशन ले सकता है।
इसके लिए उसे न तो नया राशन कार्ड बनवाना होगा और न ही कार्ड ट्रांसफर करवाना होगा। इस काम को करने के लिए ही केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ सरकार को 100 करोड़ का फंड दे रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ में इस फंड के बजाय अतिरिक्त रकम भी खर्च की जा रही है।
टेंडर की राशि ही नहीं, दूसरे टेंडर में शर्तें भी बदल दी गईं
इस योजना के लिए सबसे पहले अक्टूबर 2019 में टेंडर जारी किया गया था। उस समय इसका बजट 57 करोड़ रुपए रखा गया था। लेकिन तकनीकी कारणों से इस टेंडर को रद्द कर दिया गया। इसके बाद 17 जुलाई 2020 को दोबारा टेंडर जारी किया गया। लेकिन इस बार टेंडर में योजना की रकम 100 करोड़ से ज्यादा की हो गई।
इतना ही नहीं पहली बार में नियम बनाया गया कि टेबलेट बनाने वाली कंपनी के पास उसकी टेस्टिंग के लिए खुद का लैब भी होना चाहिए। लेकिन दूसरी बार में कहा गया कि टेबलेट की जांच या टेस्टिंग सर्टिफिकेट दूसरी कंपनियों के लैब से भी ली जा सकती है।
टेंडर लेने वाली कंपनी देगी टेबलेट, दोनों कार्ड होंगे लिंक
टेंडर लेने वाली कंपनी राज्यभर के 12523 से ज्यादा राशन दुकानों में टेबलेट का वितरण करेगी। इसी टेबलेट से राशन और आधार कार्ड को लिंक किया जाएगा। इसकी ट्रेनिंग देने के लिए कंपनी के कर्मचारी राशन दुकानों में मौजूद भी रहेंगे। वे पहले दुकानदारों को प्रशिक्षण देंगे और उसके बाद दुकानदार इस काम को करेगा। लेकिन इस दौरान किसी भी तकनीकी खराबी आती है तो उसे कंपनी के कर्मचारी ही ठीक करेंगे। टेबलेट को मेंटेनेंस करने का काम भी कंपनी ही करेगी।
गड़बड़ी हुई तो जांच होगी
केंद्र सरकार ने जो दर तय की है उसके अनुसार टेंडर बुलाया है। इसमें केंद्र का 70 से 75 और राज्य का 25 से 30 फीसदी अंश रहता है। केंद्र ने 100 करोड़ का फंड मंजूर किया है। इसी आधार पर टेंडर काल किया है। कोई गड़बड़ी होगी तो जांच कराएंगे।
अमरजीत भगत, खाद्य मंत्री
अभी प्रक्रिया जारी है
वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत टेंडर की प्रक्रिया जारी है। फिलहाल किसी भी कंपनी को फाइनल नहीं किया गया है। सभी काम नियमों के तहत ही पूरे किए जा रहे हैं।
निरंजन दास, एमडी स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन