केंद्र सरकार कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्यों को दे सकती और आर्थिक मदद

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह

रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : केंद्र सरकार कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्यों को दे सकती और आर्थिक मदद, जल्द हो सकता है ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कर चुके हैं 15000 करोड़ के पैकेज की घोषणा Nitin Sharma12 April 2020 3:55 PM कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश 21 दिनों का लॉकडाउन (Lockdown) अब आगे बढ़ा दिया गया है। कुछ राज्यों में इसका ऐलान भी हो चुका है। हालांकि इस पर मोहर खुद (PM MODI) पीएम मोदी के घोषणा करने पर ही लगेगी। इसबीच ही कोरोना से लड़ने के लिए राज्य सरकारों को केंद्र सरकार से वित्तीय मदद मिल सकती है। इसकी वजह राज्य सरकारों द्वारा स्वास्थ्य सेवा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का अधिकतम 2 प्रतिशत खर्च का प्रावधान किया जाना है, कोरोना के ज्यादा फैलने के चलते सरकार को खर्च बढ़ाना होगा। लेकिन जीडीपी का एक प्रतिशत अधिक खर्च करने पर राज्यों पर राजकोषीय घाटा 3 प्रतिशत के पार जा सकता है। ऐसी स्थिती में केंद्र सरकार की तरफ से राज्य को वित्तीय सहायता दी जा सकती है। पीएम ने 15 हजार करोड़ के पैकेज का किया था ऐलान दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री परेंद्र मोदी ने कोरोनवायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के हेल्थ पैकेज का ऐलान किया था। आंकड़ों के अनुसार, इनमें से करीब 4113 करोड़ रुपये केंद्र सरकार कोरोना वायरस के इलाज पर खर्च के लिए राज्य सरकार को दे चुकी हैं। 69.47 प्रतिशत सांस व तेजी से इंफेक्शन के मिले मरीज नेशनल हेल्थ प्रोफाइल की रिपोर्ट के अनुसार राज्यों में संक्रमित रोगियों में 69.47 प्रतिशत सांस व तेजी से इंफेक्शन के मरीज मिले हैं। ऐसे मरीजों को कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। वहीं इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को भी तैयारी रखने की जरूरत है। राज्यों को जल्द एक और पैकेज दे सकती है केंद्र सरकार मीडिया रिपोर्ग्स के अनुसार, कोरोना वायरस के बढते मरीज और राज्यों में तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य खर्च बढ सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से प्राथमिकता के तौर पर सरकार राज्यों के लिए जल्द ही स्वास्थ्य खर्च के लिए एक और पैकेज दे सकती है। ओईसीडी के आंकड़ों के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा पर भारत का खर्च अपनी जीडीपी का 3.6 प्रतिशत है।

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