केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की पहल ‘भाषिणी’ से प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को 11 भाषाओं में मिलेगी जानकारी
महाकुंभ में खोए और पाए सामान को अपनी मातृभाषा में रजिस्टर करें और भाषिणी के ‘डिजिटल खोया-पाया समाधान’ के माध्यम से संवाद को आसान बनाने के लिए रीयल-टाइम टेक्स्ट और वॉयस अनुवाद प्राप्त करें
भाषिणी का अनुवाद समर्थन कुंभ सह‘एआई’यक चैटबॉट में उपलब्ध है, जो श्रद्धालुओं को रीयल-टाइम जानकारी और नेविगेशन सहायता प्रदान करेगा
भाषा की बाधाओं को तोड़ते हुए, यूपी 112 हेल्पलाइन ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सहायता के लिए भाषिणी के ‘वार्तालाप’ फीचर को अपनाया है
प्रविष्टि तिथि: 14 JAN 2025 4:24PM by PIB Lucknow
महाकुंभ प्रयागराज 2025 में विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपनी बहुभाषी तकनीक ‘भाषिणी’ को शामिल किया है। यह 11 भाषाओं में सेवाएं देगी, जिससे विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को संवाद और जानकारी लेने में आसानी होगी।
महाकुंभ में खोए-पाए सामान का विवरण अब अपनी मातृभाषा में दर्ज किया जा सकता है। इसके लिए डिजिटल खोया-पाया समाधान उपलब्ध कराया गया है, जिसमें आवाज़ और टेक्स्ट का तुरंत अनुवाद हो सकेगा। बहुभाषी चैटबॉट के जरिए श्रद्धालुओं के सवालों का जवाब दिया जाएगा और मोबाइल ऐप व कियोस्क के माध्यम से स्थानीय भाषा में दिशा-निर्देश उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया ‘कुंभ सह‘एआई’यक’ चैटबॉट भी इस महाकुंभ में सहायता करेगा। यह एआई तकनीक पर आधारित है और श्रद्धालुओं को रियल-टाइम जानकारी और नेविगेशन में मदद करेगा। यह हिंदी, अंग्रेजी और 9 अन्य भारतीय भाषाओं में काम करता है। इसके साथ ही, यूपी पुलिस की 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन में ‘भाषिणी’ का वार्तालाप फीचर जोड़ा गया है। इस फीचर से श्रद्धालु अपनी भाषा में शिकायत दर्ज कर सकते हैं और पुलिस अधिकारी तुरंत उनकी बात समझ सकते हैं।
‘भाषिणी’ तकनीक महाकुंभ में भाषा की सभी बाधाओं को दूर कर रही है। यह तकनीक न केवल संवाद को आसान बना रही है, बल्कि सभी श्रद्धालुओं के लिए एक समावेशी और सुविधाजनक अनुभव सुनिश्चित कर रही है।
भाषिणी तकनीक का उपयोग महाकुंभ में एक सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा और श्रद्धालुओं के अनुभव को समृद्ध करेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी श्रद्धालु चाहे वे किसी भी भाषा के हों, महाकुंभ के आयोजन में बिना किसी परेशानी के भाग ले सकें। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की इस पहल से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए न केवल एक समावेशी अनुभव मिलेगा, बल्कि महाकुंभ 2025 की सफलता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।
इस तरह, महाकुंभ प्रयागराज 2025 में भाषिणी की तकनीकी सहायता से भाषा की कोई भी बाधा नहीं होगी, और सभी श्रद्धालु अपने अनुभवों को सहज और सरल तरीके से जी सकेंगे। यह पहल महाकुंभ के आयोजन को तकनीकी दृष्टि से एक अद्वितीय और समावेशी अनुभव बनाएगी, जो हर श्रद्धालु के लिए विशेष होगा।