जीएसटी के सात वर्ष : राजस्व के आकड़ों की वास्तविकता
देवी प्रसाद मिश्रा 1
जुलाई, 2024
सात एक विशेष संख्या है। चाहे गणित (अभाज्य संख्याएं और संख्या सिद्धांत), संगीत (सात संगीतमय स्वर), खगोल विज्ञान (चंद्र चरण में दिन) या पौराणिक कथा (सप्त चक्र, सप्त समुद्र
या सप्त ऋषि) हो, सात का चक्र हमारे चारों ओर निरंतर मौजूद है।
इसलिए यह प्रयास उचित है कि इस महीने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सात साल पूरे होने पर, हम इस बात की जांच करने के लिए कुछ समय निकालें कि स्वतंत्रता के बाद के सबसे बड़े कर सुधार, जीएसटी, जिसे 1 जुलाई, 2017 की मध्य-रात्रि को लागू किया गया था, का प्रदर्शन कैसा रहा है।
तब से, जीएसटी ने बड़े पैमाने पर अकादमिक ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। अनुपालन के सरलीकरण, लॉजिस्टिक्स में सुधार से लेकर मजबूत राजस्व संग्रह तक के प्रत्येक आयाम की
विस्तार से जांच की गई है।
जीएसटी के विषय से जुड़े कई दृष्टिकोणों में से एक है- जीएसटी के राजस्व प्रदर्शन पर हाल में हुई चर्चा- जो अन्य बातों के साथ-साथ यह दर्शाती है कि सकल राजस्व संग्रह में तेज वृद्धि दर्ज
की जा रही है, लेकिन इस वृद्धि के अनुरूप शुद्ध राजस्व नहीं बढ़ा है। शुद्ध राजस्व हाल ही में जीएसटी-पूर्व स्तरों पर पहुंच पाया है। शुद्ध संग्रह में इस गिरावट को कुछ चिंता के साथ देखा
जा रहा है। इसके अलावा, विशेष रूप से धन वापसी (रिफंड) के साथ डेटा की उपलब्धता की कमी तथा जीएसटी परिषद के कामकाज पर भी कुछ चिंताएं व्यक्त की गई हैं। आइए राजस्व
प्रदर्शन से शुरू करते हुए इनमें से प्रत्येक बिंदु पर गहराई से विचार करें।
राजस्व के आकड़ों पर खुशी जीएसटी के तहत राजस्व संग्रह का काफी विश्लेषण किया गया है 2,3 । हालांकि, सकल राजस्व
संग्रह की मजबूती को लेकर बहुत कम विवाद है, लेकिन शुद्ध जीएसटी संग्रह यानी रिफंड के 2012-13 2013-14 2014-15 2015-16 2016-17 2017-18 2018-19 2019-2020 20-21 2021-22 2022-23 2023-24
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Y-o-Y % Growth Rate of RevenueY-o-Y % Growth Rate of GDP [at current prices]Net GST Revenue (Rs. Lakh Crore) बाद राजस्व संग्रह (मुख्य रूप से निर्यात के कारण) के बारे में उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए, हम आंकड़ों पर थोड़ा और गहराई से विचार करते हैं।
हम बजट दस्तावेजों में बताए गए जीएसटी संग्रह पर अपनी जांच आधारित करते हैं 4 । फिर राज्यों और केंद्र, दोनों के लिए जीएसटी में शामिल करों की तुलना जीएसटी-पूर्व राजस्व संग्रह से की गयी है 5 । परिणाम नीचे दिए गए हैं (चित्र 1, दायां अक्ष)। हमने जीएसटी संग्रह की साल-दर- साल वृद्धि के साथ-साथ जीडीपी में साल-दर-साल वृद्धि (चित्र 1, बायां अक्ष) को भी दर्शाया है।
चित्र 1: शुद्ध जीएसटी राजस्व [दायां अक्ष] बनाम जीडीपी और राजस्व संग्रह में साल-दर-साल वृद्धि [बायां अक्ष]
उपरोक्त चित्र में हम तीन बातें देख सकते हैं। पहला, शुद्ध राजस्व संग्रह लगातार बढ़ रहा है और जीएसटी लागू होने के बाद इसकी वृद्धि की गति बढ़ी है। दूसरा, जीएसटी शुरू होने के बाद
की अवधि में शुद्ध राजस्व की वर्ष-दर-वर्ष आधार पर होने वाली वृद्धि (जीएसटी के शुरू होने से पहले की अवधि में 11.81 प्रतिशत की तुलना में) औसतन 12.76 प्रतिशत रही। यह
उपलब्धि महामारी के बाहरी झटके के बावजूद है। तीसरा, हम यह देख सकते हैं कि शुद्ध राजस्व वृद्धि ने लगातार सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
यह नई कर व्यवस्था की प्रणालीगत दक्षताओं को दर्शाता है।
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अन्य चरों में, राजस्व संग्रह कर दरों का एक फलन होता है। यहां संदर्भ के लिए, हम इस तथ्य को याद कर सकते हैं कि कर संग्रह संबंधी दक्षता में सुधार के साथ-साथ कर दरों में उल्लेखनीय
कमी आई थी। जीएसटी की शुरुआत से पहले, जीएसटी के लिए राजस्व निरपेक्ष दर (आरएनआर) से संबंधित समिति ने 15-15.5 प्रतिशत की दर की सिफारिश की थी 6 ।
इसके ठीक उलट, जीएसटी की शुरूआत के समय इसकी प्रभावी दर 14.4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया था। बाद में सितंबर 2019 7 में इसे घटाकर 11.6 प्रतिशत कर दिया गया
और मार्च, 2023 8 में यह 12.2 प्रतिशत हो गया। राजस्व के संदर्भ में, इसे अर्थव्यवस्था के लिए पिछले साल ही 4.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत [प्रोत्साहन?] के रूप में निरूपित किया जा सकता है! यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की तुलना में भारत की जीएसटी दरें दुनिया में सबसे कम हैं (चित्र 2)। चित्र-2 चयनित ओईसीडी देशों में मानक उपभोग कर (वैट/जीएसटी) दरों की तुलना
कराधान में उछाल: कराधान संबंधी दक्षता का एक ठोस उपाय
एक उठता हुआ ज्वार सभी नावों को ऊपर उठा देता है। राजस्व में वृद्धि एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का स्वाभाविक परिणाम होता है, हालांकि सकल घरेलू उत्पाद में होने वाली वृद्धि के
ऊपर राजस्व संग्रह में होने वाली वृद्धि (या उछाल) एक कर प्रणाली की प्रणालीगत दक्षता की असली परीक्षा होती है।
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इस मामले में, जीएसटी की शुरूआत के बाद से पहले पांच वर्षों के दौरान, सकल घरेलू उत्पाद (मौजूदा कीमतों पर) के मुकाबले शुद्ध राजस्व उछाल 1.02 था, जबकि जीएसटी के बाद के सात
वर्षों के दौरान यह 1.28 था। यह जीएसटी द्वारा संभव बनाई गईसंग्रह संबंधी क्षमता का एक प्रमाण है।
वास्तव में, भारत की जीएसटी संग्रह संबंधी दक्षता [अधिकतम संभव कर से एकत्रित प्रतिशतता- सभी उपभोग में पूर्ण अनुपालन और कवरेज को मानते हुए] 2022-23 में 0.61 थी। संदर्भ के लिए अगर देखें, तो 37 ओईसीडी देशों के साथ इसकी तुलना करने पर भारत शीर्ष एक तिहाई 9 (चित्र 3) में स्थित है।
चित्र 3: चयनित ओईसीडी देशों में उपभोग करों (वैट/जीएसटी) के लिए संग्रहण-दक्षता (सी-
एफिशिएंसी) की तुलना
आंकड़ों का सवाल
निस्संदेह, मासिक आधार पर जारी किए गए राजस्व के आंकड़ों में आमतौर पर सकल संग्रह के
आंकड़े शामिल होते हैं 10 । शुद्ध आंकड़े केवल फरवरी, 2024 से प्रकाशित किए गए हैं। हालांकि,
जीएसटी की शुरुआत के बाद से प्रत्येक वर्ष की वार्षिक सांख्यिकीय रिपोर्ट प्रकाशित की गई है
और सार्वजनिक रूप से रखी गई है 11 । इन रिपोर्टों में निर्यात के कारण किए जाने वाले जीएसटी
रिफंड से संबंधित महीने-वार विवरण शामिल हैं। इसलिए रिफंड संबंधी आंकड़ों की सार्वजनिक
दृश्यता, थोड़े अंतराल पर ही सही, बनी हुई है।
हम, बिना किसी आधार के, इस दावे की जांच करने के लिए आगे बढ़ते हैं कि जीएसटी परिषद
में केन्द्र का “प्रभुत्व” है 12 । जीएसटी की शुरुआत के साथ, केन्द्र और राज्यों ने नए कर के
प्रशासन से संबंधित मामलों में, खासतौर पर नीति निर्माण, दरों के निर्धारण, कानूनों/नियमों का
मसौदा तैयार करने, अनुपालनों के समन्वय आदि जैसे क्षेत्रों में अपनी संप्रभुता को एकाकार
किया। कभी-कभी इसे राज्यों की शक्तियों पर प्रतिबंध के रूप में उद्धृत किया जाता है।
हालांकि, यह केन्द्र सरकार के लिए भी समान रूप से एक “प्रतिबंध” है।
जीएसटी परिषद ने अपनी समितियों के समर्थन से, कई जटिल मुद्दों पर विचार किया है और
वह कई ऐसी सिफारिशें लेकर आगे आई है, जिससे कानून के प्रशासन में एकरूपता और दरों की
संरचना में स्थिरता आई है।
यह सहकारी संघवाद की भावना का एक प्रमाण है कि केवल एक को छोड़कर 13 , जीएसटी परिषद
के सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए हैं। इसके अलावा, अनुपालनों को बेहतर बनाने के
उद्देश्य से सभी त्रुटियों को दूर करने या छूट को तर्कसंगत बनाने के परिषद के सभी निर्णयों से
केन्द्र और राज्यों को समान रूप से लाभ पहुंचा है।
उपरोक्त चर्चा से, तीन बिंदु उभर कर सामने आते हैं- सबसे पहले, जीएसटी की संग्रह संबंधी
क्षमताएं स्पष्ट, सुसंगत एवं प्रारंभिक हैं और मुख्य रूप से अंतर्जात कारकों के कारण हैं– यही
बात रिफंड के शुद्ध राजस्व संग्रह को देखने के समय भी लागू होती है। दूसरा, हमारी कर दरों
के साथ-साथ हमारी संग्रह संबंधी क्षमताएं बाकी दुनिया के अनुरूप हैं। तीसरा, जीएसटी ने
अपेक्षाकृत कम कर दरों और बाहरी झटकों के बावजूद राजस्व में लगातार वृद्धि की है।
जैसे-जैसे जीएसटी अपने प्रगति के अगले चरण में प्रवेश कर रहा है, ऐसे कई क्षेत्र हैं जिन पर
ध्यान देने की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए दर संरचना का सरलीकरण, जीएसटी के दायरे
से बाहर रह गई वस्तुओं को शामिल करना और साथ ही एक कुशल अपीलीय तंत्र जैसे
प्रशासनिक मुद्दे। हालांकि अब जबकि जीएसटी के सात वर्ष पूरे हो गए हैं, उत्सव मनाने के लिए
काफी कुछ है।
संदर्भ
- The author is an Indian Revenue Service officer of the 2007 Batch. Views presented are his
own. - (Debroy & Misra, 2023); https://ippr.in/index.php/ippr/article/view/233/101
- https://www.nipfp.org.in/media/medialibrary/2023/04/WP_392_2023.pdf
- https://www.indiabudget.gov.in/doc/rec/allrec.pdf; Annex 2
- NIPFP Working Paper 392;
https://www.nipfp.org.in/media/medialibrary/2023/04/WP_392_2023.pdf - https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=132570
- RBI State Finances Report 2019-20
.https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/Publications/PDFs/STATEFINANCE201920E15C4A9A916D4F4B
8BF01608933FF0BB.PDF - DEA White Paper on Indian Economy
- (Debroy & Misra, 2023); https://ippr.in/index.php/ippr/article/view/233/101
- https://gstcouncil.gov.in/gst-revenue
- https://www.gst.gov.in/download/gststatistics
- CP Chandrasekhar& J Ghosh (2023) GST Collections: Hype and Reality, Hindu Business Line,
15 th May 2023 - Levy of a uniform GST rate on all lotteries. Minutes of 38th Meeting of the GST Council Pg.
16; https://gstcouncil.gov.in/sites/default/files/Minutes/
ये लेखक के निजी विचार हैं