22 प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के संगठन ने हाईकोर्ट से राहत की मांग की थी जिस पर आज हाई कोर्ट का निर्णय आया — निजी स्कूलों के लिए बड़ी राहत, हाई कोर्ट का फैसला, अब ले सकेंगे सिर्फ ट्यूशन फीस
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : स्कूल में ऑनलाइन क्लासेस लॉकडाउन के समय से चल रही है, लेकिन पालक और स्कूल के बीच में खींचातानी शुरू से ही चालू है। कोई भी पालक ऑनलाइन क्लास की फीस नहीं देना चाह रहा था लेकिन स्कूल प्रबंधन का कहना था कि उनके अध्यापकों की तनख्वाह महीने दर महीने जा रही है तो उसके लिए उन्हें फीस की आवश्यकता है। इस खर्च को देखते हुए छत्तीसगढ़ स्कूल संघ ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में केस दायर किया, जिसमें अब फैसला आया है कि पालकों को पिछले वर्ष की संपूर्ण फीस और इस वर्ष की ट्यूशन फीस स्कूल को देना होगा।ला, अब ले सकेंगे सिर्फ ट्यूशन फीस
22 प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के संगठन ने हाईकोर्ट से राहत की मांग की थी l निजी स्कूलों के लिए राहत भरी खबर आई है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि निजी स्कूल अब ट्यूशन फीस ले सकेंगे। छत्तीसगढ़ के निजी स्कूलों के फीस लेने पर लगाई गई रोक के खिलाफ प्रबंधकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सरकार के फैसले के खिलाफ निजी स्कूल संघ ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने का आदेश दे दिया है। सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका में कहा गया था कि उन्हें ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी जाए। इसको लेकर बिलासपुर के 22 प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के संगठन ने हाईकोर्ट से राहत की मांग की थी।
याचिका अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव के माध्यम से प्रस्तुत की गई थी। प्राइवेट स्कूल के संचालकों के संगठन बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने संचालक लोक शिक्षण की ओर से जारी आदेश को चुनौती दी थी।बता दें सरकार द्वारा जारी किये गये आदेश में स्कूल संचालकों से कहा था कि निजी स्कूल लॉकडाउन अवधि में स्कूल फीस स्थगित रखें। साथ ही आदेश दिया है कि संस्थान के सभी शिक्षक और कर्मचारियों को वेतन देना सुनिश्चित करें। शाला प्रबंधकों को अभिभावकों से फीस नहीं मांगने का आदेश दिया गया था।
याचिका में निजी स्कूलों ने कहा था कि जो अभिभावक सक्षम हैं उनसे ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी जाए। अगर वे फीस नहीं ले पाएंगे तो कर्मचारियों और शिक्षकों का वेतन कहां से देंगे। ग़ौरतलब है कि स्कूलों के शिक्षक गण बच्चों को ऑनलाइन क्लास ले ही रहे हैं।